कनाडा के ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में हुए हमले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
अब इस घटना को लेकर भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर है। वहीं, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी हिंसा की निंदा की है।
खास बात है कि 3 दिन पहले ही दिवाली पर कनाडा के पीएम कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि कनाडा के सबसे बड़े प्रवासी समूह हिन्दू कनाडाई के साथ सरकार खड़ी है।
क्या है मामला
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भीड़ ब्रैम्पटन स्थित मंदिर परिसर में मौजूद लोगों पर हमला कर रही है।
भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ‘कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों ने आज लक्ष्मण रेखा पार कर दी।
ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर परिसर में भारतीय-कनाडाई श्रद्धालुओं पर खालिस्तानियों के हमले ने दिखा दिया है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ कितनी गहरा और खतरनाक है।’
हिंसा पर क्या बोले ट्रूडो
ट्रूडो ने घटना की निंदा की और एक्स पर लिखा, ‘आज ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में हिंसा की घटना स्वीकार्य नहीं है। हर कनाडाई को सुरक्षित माहौल में खुलकर अपने धर्म का पालन करने की आजादी है।’
उन्होंने लिखा, ‘समुदाय की सुरक्षा करने और घटना की जांच के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए पील रीजनल पुलिस का धन्यवाद।’
दिवाली पर दिया था संदेश
31 अक्टूबर यानी दिवाली पर पीएम ट्रूडो के कार्यालय से बयान जारी किया गया था। उन्होंने कहा था, ‘दिवाली बुराई पर अच्छाई, अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का जश्न है।
इ दिन परिवार मंदिरों में प्रार्थना के लिए जुटते हैं, तोहफे देते हैं और पूरे देश में त्योहार मनाते हैं। घरों में मोमबत्तियों और दियों की रोशनी की जाती है।
आसमान में आतिशबाजी की जाती है। यह उम्मीद का दिन है और दिवाली की रोशनी हमें अंधकार को हराने और उद्देश्य खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है।’
उन्होंने कहा था, ‘…दिवाली खासतौर से हिन्दू कनाडाई लोगों के लिए अहम है। यह कनाडा का सबसे बड़ा और विवध प्रवासी समूह है। नवंबर में कनाडा में हिन्दू विरासत माह के जश्न में हमारे साथ शामिल हो जाइए। हम हमेशा हिन्दू कनाडाई जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ खड़े हैं, ताकि वे खुलकर अपने धर्म का पालन कर सकें।’
क्या बोला भारत
भारतीय कॉन्सुलेट की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित कॉन्सुलर कैंप में हमने भारत विरोधी तत्वों की तरफ से की गई हिंसा देखी।’
आगे कहा गया, ‘कनाडा में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, कनाडा के अधिकारियों से पहले ही इन कार्यक्रमों के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया था।’