“डील स्वीकार करें… नहीं तो शुभकामनाएं;” एयरलाइन बेचने की तैयारी में शहबाज शरीफ, खरीदार औने-पौने दाम दे रहे हैं।

गहरे कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए अब अपने ही राष्ट्रीय एयरलाइन पीआईए (पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस) को चलाना मुश्किल हो गया है।

घाटे में चल रही इस एयरलाइन को बेचने की योजना के तहत शहबाज शरीफ सरकार ने बोली प्रक्रिया आयोजित की लेकिन इसमें केवल एक ही खरीदार सामने आया, और उसने भी बेहद कम दाम की पेशकश की।

इस्लामाबाद के एक होटल में हुई इस बोली में ब्लू वर्ल्ड सिटी नाम की एक रियल एस्टेट कंपनी ने पीआईए की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए मात्र 10 अरब पाकिस्तानी रुपये की बोली लगाई, जो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य 85 अरब रुपये से बहुत कम है।

यह आयोजन सरकारी टीवी चैनल पीटीवी पर सीधा प्रसारित किया गया। सरकार के प्रयासों के बावजूद, अपेक्षाकृत कम दाम और सीमित खरीदारों ने पाकिस्तान के लिए एक और संकट को उजागर किया है।

पीआईए और अन्य घाटे में चल रहे सरकारी उपक्रमों को बेचने का यह प्रयास आईएमएफ के साथ हुए समझौते का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता प्राप्त होनी है।

इस योजना के तहत पाकिस्तान सरकार ने जून में छह समूहों को प्री-क्वालिफाई किया था, लेकिन अंततः केवल एक ही खरीदार यानी ब्लू वर्ल्ड सिटी की बोली प्रक्रिया में शामिल हुआ।

निजीकरण आयोग ने कंपनी से न्यूनतम बोली के अनुसार पेशकश बढ़ाने का अनुरोध किया, लेकिन ब्लू वर्ल्ड सिटी के चेयरमैन साद नजीर ने कहा, “अगर सरकार हमारी बोली को स्वीकार नहीं करना चाहती, तो हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।”

पीआईए का निजीकरण इसलिए भी जटिल है क्योंकि इसके पास करीब 7,100 कर्मचारी हैं, जिनमें से 2,400 से अधिक दैनिक वेतन पर काम कर रहे हैं।

इसके अलावा, पीआईए पर अरबों रुपये का कर्ज और पुराने विमानों का बेड़ा इसे लाभकारी संस्था में बदलने के लिए भारी निवेश की मांग करता है।

पाकिस्तान सरकार के इस प्रयास से साफ हो गया है कि कर्ज से घिरी हुई पीआईए का निजीकरण एक चुनौतीपूर्ण राह है।

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