प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का पर्व आता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। यह दिवाली के अगले दिन पड़ती है।
हालांकि इस बार दिवाली दो दिन मनाई गई। ऐसे में गोवर्धन पूजा शनिवार, 2 नवंबर को हो रही है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है।
ऐसे करें गोवर्धन की पूजा
ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता के अनुसार विशेष बात यह है कि गोवर्धन पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है, जो कि शुभ है। इसके अलावा गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण की छवि बनाएं और गिरीराज पर्वत बनाना चाहिए।
उस पर कढ़ी चावल या घर में पंरपरा के अनुसार जो बनाया गया है, उसका भोग लगाए।
साथ ही दीपक जलाकर गोवर्धन की कथा सुनेऔर सात परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि घर के पुरुष गोवर्धन की पूजा करते हैं।
गोवर्धन पूजा से क्या मिलता है फल-
गोवर्धन पूजा पर गाय, भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विशेष महत्व है। घरों में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। इस दिन गाय के साथ दो चार कदम चलने से धन, वंश और शौर्य की वृद्धि होती है।
भगवान चित्रगुप्त की करें पूजा-गोवर्धन पूजा के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है।
मान्यता के अनुसार मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा यानी अकाउंट जो देवता रखते हैं, वे भगवान चित्रगुप्त हैं। भगवान चित्रगुप्त की पूजा देवताओं के यमराज के सहायक और लेखपाल रूप में पूजा जाता है।