प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
आज 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस है।
यह पांच दिवसीय दिपोत्सव पर्व का पहला दिन होता है।
इस धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही सोना-चांदी समेत कुछ चीजों की खरीदारी का शुभ अवसर माना जाता है।
मान्यता है कि इससे जीवन में धन,वैभव, सुख-संपन्नता और खुशहाली आती है। हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी धनतेरस को को यम दीपम जलाया जाता है।
अकाल मृत्य के भय से बचाने के लिए धनतेरस की शाम को यम दीपम जलाने की परंपरा है।
सालभर में यही एक ऐसा दिन है, जब मृत्यु के देवता की पूजा की जाती है और यम दीपम जलाया जाता है। आइए जानते हैं धनतेरस पर यम दीपम जलाने का शुभ मुहूर्त और सही विधि…
धनतेरस पर कब जलाएं यम दीपम?
धनतेरस के दिन 29 अक्टूबर को सायाह्न काल मुहूर्त में शाम 05 बजकर 38 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 55 मिनट तक यप दीपम जलाया जा सकता है।
धनतेरस यम दीपदान की विधि :
घर की दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मनी जाती है। इसलिए दक्षिण दिशा में यम दीपक जलाना चाहिए। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में यम दीपक प्रज्ज्वलित करें।
आटे से एक बड़ा दीपक बनाएं। साफ रुई से 2 लंबी बाती बनाएं। दीपक में बातियों को रखें और सरसों का तेल डालकर चौमुखी दीपक जलाएं। दीपक का रोली,अक्षत और फूलों से पूजन करें।
इसके बाद मुख्यद्वार पर दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए दीपक को खील या गेहूं के ढेरी पर रख दें। इसके बाद ऊँ यमदेवाय नमः का जाप करते हुए दक्षिण दिशा में नमस्कार करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।