अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह इजरायल से बदला लेने की बात मन से निकाल दे।
अमेरिका इस चेतावनी को पश्चिम एशिया में जारी तनाव को कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इजरायल ने शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए थे।
यह हमले ईरान द्वारा एक अक्टूबर को उसके ऊपर मिसाइल बरसाने के बदले में किए गए थे। हालांकि ईरान के ऊपर अमेरिका और अन्य देशों की चेतावनी का असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
वह इजरायल से बदला लेने पर अड़ा हुआ है। ईरान का कहना है कि वह अपनी रक्षा करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
ईरान के मुताबिक इजरायली हमले में उसके चार सैनिक मारे गए हैं। ईरान की धमकी के बाद मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर युद्ध का खतरा मंडराने लगा था।
ईरान की धमकी के बाद इजरायल ने भी उसे जवाब दिया था। इजरायल ने कहा था कि अगर उसने हमलों का जवाब देने के बारे में सोचा भी तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इसके बाद अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन ने भी ईरान से कहा है कि वह संघर्ष को आगे न बढ़ाए। वहीं, ईरान ने जोर देकर कहा है कि उसे अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है। ईरान का लेबनानी साथी हिजबुल्लाह भी उसके साथ सुर मिलाने लगा है।
हिजबुल्लाह ने कहा है कि उसने पहले ही उत्तरी इजरायल में पांच आवासीय इलाकों पर रॉकेट लांच कर दिया है। इजरायली सेना का कहना है कि शनिवार को सीमा पर 80 प्रोजेक्टाइल फायर किए गए।
हिजबुल्लाह ने बाद में इजरायल के एक दर्जन इलाकों को खाली कराने की चेतावनी जारी की। वहीं, इजरायली सेना ने दक्षिण बेरुत को लेकर भी ऐसी ही चेतावनी जारी की है।
इस बीच ईरान पर इजरायल के हमले की कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें नजर आ रहा है कि हमलों के दौरान ईरान के उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां वह बैलिस्टिक मिसाइल के लिए सॉलिड फ्यूल की मिक्सिंग करता है।
यह बातें दो अमेरिकी शोधकर्ताओं के हवाले से कही गई हैं। इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी रिसर्च ग्रुप के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व हथियार निरीक्षक डेविड अलब्राइट और वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक सीएनए के एसोसिएट रिसर्च एनालिस्ट डेकर एवलेथ ने यह बात कही है।