जम्मू-कश्मीर के बारामूला में भारतीय सेना के काफिले पर हुए हमले को लेकर सेना ने बयान जारी किया है।
सेना ने कहा कि गुरुवार को बारामूला में हुए हमले में दो भारतीय सेना के जवान और दो नागरिक कुलियों की जान चली गई।
यह हमला इस बात का सबूत है कि पाकिस्तानी आतंकवादी घाटी में डर पैदा करने के लिए जानबूझकर कश्मीरी स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे हैं।
आतंकी हमले को लेकर भारतीय सेना की चिनार कोर ने कहा कि बारामूला के बुटापथरी इलाके में कल हमारे बहादुर जवानों के काफिले पर हमला किया गया।
धोखे से किए इस हमले के बाद भी हमारे सैनिकों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब भी दिया। सैनिकों ने लगातार हिम्मत दिखाते हुए आतंकवादियों को अपना हथियार छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया।
गुरुवार को भारतीय सेना के वाहन को आतंकियों द्वारा निशाना बनाया गया था, जिसमें कश्मीर के रहने वाले राइफलमैन कैसर अहमद शाह औऱ हरियाणा के रहने वाले राइफलमैन जीवन सिंह शहीद हो गए थे।
सेना ने कहा कि भारतीय सेना राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह की बहादुरी को सलाम करती है, जिन्होंने गोली लगने के बावजूद जवाब दिया और इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने से पहले आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया।
हमारे इन बहादुर सैनिकों की कार्रवाईयों ने आतंकियों को कोई और नुकसान पहुंचाने से रोका और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शत्रुता पूर्ण एजेंडे का पूरी ताकत के साथ मुकाबला किया।
इससे इतर सेना ने इस हमले में शहीद हुए कश्मीर के नागरिकों को भी याद किया। सेना ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी आतंकवादी, जानबूझकर और अनजाने में, घाटी में भय और आतंक पैदा करने के लिए कश्मीरी स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे हैं।
हम लगातार प्रयास करके घाटी को शांति और स्थिरता की तरफ ले जाना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं चाहता।
इन आतंकवादियों की केवल एक ही विचारधारा है कि कैसे भी घाटी अशांत हो और घाटी में आतंकी शासन हो।