प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है।
हिंदू शास्त्रों में धनतेरस का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की उपासना करने से जातक को जीवन में कभी भी आर्थिक कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। त्रयोदशी पूजन प्रदोष काल में किया जाता है, इसलिए धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
त्रयोदशी तिथि कब से कब तक- त्रयोदशी की शुरुआत 29 अक्टूबर, मंगलवार को दिन में 11 बजकर 09 मिनट के बाद होगी और इसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर होगा।
सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त-ज्योतिषाचार्य पंकज झा शास्त्री के अनुसार, धनतेरस पर सामान खरीदारी के लिए उत्तम मुहूर्त दिन के सुबह 11 बजकर 09 मिनट से दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद खरीदारी का शुभ मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से शाम 07 बजकर 08 मिनट तक भी रहेगा। उसके बाद रात 08 बजकर 47 मिनट से पूरा रात आप घरेलू सामान को खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर पूजन का समय- धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 34 मिनट से रात 07 बजकर 08 मिनट तक अति उत्तम रहेगा।
धनतेरस पर वृषभ काल और प्रदोष काल का समय- धनतेरस पूजा को करने के लिए इस दिन चौघड़िया मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है, क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उत्तम माने जाते हैं।
धनतेरस के दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजा को प्रदोष काल के दौरान करना अत्यंत शुभ माना गया है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है और करीब ढाई घंटे तक रहता है।
प्रदोष काल शाम 05:37 से रात 08:12 तक रहेगा। वृषभ काल शाम 06:30 से रात 08:26 तक रहेगा।