पिछले कुछ दिनों से भारत, कनाडा और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव के बीच भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी विकास यादव का नाम सुर्खियों में रहा।
अमेरिका ने विकास यादव पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। अब उनके वकील ने इस मामले पर अमेरिका को खूब खरी-खोटी सुनाई है।
विकास यादव के वकील आर के हांडू और आदित्य चौधरी ने कहा है कि इस कूटनीतिक संकट के बीच एक पूर्व सरकारी कर्मचारी को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
हांडू ने अमेरिका के आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि विकास यादव का पन्नू की हत्या की साजिश में कोई हाथ नहीं है।
विकास यादव के वकील ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वो कभी अमेरिका गए ही नहीं हैं। हांडू ने कहा, “विकास यादव किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं था। उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। आरोप बेबुनियाद हैं और भारत के खिलाफ़ एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं।”
उनके वकीलों ने दावा किया कि विकास यादव निर्दोष हैं और उसे फंसाया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि विकास यादव कथित तौर पर उनके साथ साजिश में शामिल निखिल गुप्ता को जानते तक नहीं थे।
गौरतलब है कि अमेरिका ने आरोप लगाया है कि विकास यादव ने भारत से पन्नू की हत्या की साजिश रचने में मुख्य भूमिका निभाई थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने पन्नू के बारे में संवेदनशील जानकारी निखिल गुप्ता को दी जिसने इसे एक ‘हिटमैन’ के साथ शेयर किया, जो एक अंडरकवर एजेंट था। निखिल गुप्ता को इस साल जून में प्रत्यर्पित करके चेक गणराज्य से अमेरिका गया था। पिछले साल अमेरिकी सरकार के कहने के बाद उन्हें नाटकीय रूप से गिरफ्तार कर लिया गया था।
वहीं विकास यादव के वकील हांडू ने बताया कि इन आरोपों की वजह से विकास यादव की जिंदगी में उथल-पुथल मची हुई है। इस पूरे प्रकरण ने उनके निजी जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
सेवा से बर्खास्त किए जाने के बाद उन्हें अपमानजनक तरीके से अपना सरकारी आवास खाली करने के लिए मजबूर किया गया।
हांडू ने कहा, “उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है और उनकी जान का भी खतरा बना हुआ है। वह मानसिक दबाव में हैं।”
कनाडा और भारत के विवाद से शुरू हुए इस मुद्दे पर अमेरिका कनाडा की ओर झुका हुआ नजर आ रहा है जिससे भारत और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति नजर आ रही है।
एफबीआई ने विकास यादव के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उनकी सूची में वह अभी ‘फरार’ हैं।