प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
इस साल अहोई अष्टमी 24 अक्तूबर 2024, गुरुवार को है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत करती हैं और अहोई अष्टमी पर स्याही माता और अहोई माता की पूजा की जाती है।
अहोई अष्टमी का व्रत पूरे दिन निर्जला रखने के बाद शाम को तारों को देखकर और अर्घ्य देकर खोला जाता है। कुछ जगहों पर चंद्रमा को लेकर भी व्रत पारण करते हैं।
अष्टमी तिथि कब से कब तक- अष्टमी तिथि सुबह 01 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 अक्तूबर को सुबह 01 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्तूबर 2024 को है।
तारों के दिखने का समय- अहोई अष्टमी के दिन तारों के दिखने का समय शाम 06 बजकर 06 मिनट है।
चंद्रमा निकलने का समय- अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 54 मिनट है।
अहोई अष्टमी व्रत नियम-
1. सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है। इसमें पूरे दिन कुछ खाने या पीने की मनाही होती है।
3.अहोई अष्टमी व्रत में तारों या चंद्रमा का दर्शन करने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है।
4. इस दिन वाद-विवाद या किसी भी तरह के लड़ाई-झगड़े से दूर रहना चाहिए।
अहोई अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए-
1. अहोई अष्टमी व्रत में महिलाओं को मिट्टी से जुड़े कार्य नहीं करने चाहिए।
2. इस दिन काले व नीले रंग के वस्त्रों को धारण नहीं करना चाहिए।
3. इस दिन चंद्रमा या तारों को अर्घ्य देने क लिए कांसे के लोटे का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
4. इस दिन तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
5. व्रती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए।
अहोई अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए-
1. अहोई माता से संतान की लंबी आयु व खुशहाली की प्रार्थना करनी चाहिए।
2. इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए।
3. ज्यादा से ज्यादा मन ध्यान व पूजन में लगाना चाहिए।
4. अहोई व्रत कथा का जरूर पाठ करना चाहिए।