नसरल्लाह का उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन कौन था? ताजपोशी से पहले ही IDF ने किया काम तमाम…

इजरायल की सेना ने मंगलवार को पुष्टि की है कि उसने हिजबुल्लाह चीफ रहे नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को भी एक लक्षित हमले में ढेर कर दिया है।

इजरायली रक्षा बलों ने कहा है कि तीन सप्ताह पहले दक्षिणी बेरूत उपनगर में एक हमले में हिजबुल्लाह कमांडर हाशेम सफीद्दीन को भी मौत के घाट उतार दिया है, जो हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का उत्तराधिकारी था।

सफीद्दीन को नरल्लाह का करीबी माना जाता था और उसे अकसर नसरल्लाह के साथ देखा जाता था।

इजरायली सेना (IDF) ने एक बयान में कहा है, “अब यह पुष्टि की जा सकती है कि लगभग तीन सप्ताह पहले हुए एक हमले में हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख हाशेम सफीद्दीन और हिजबुल्लाह के खुफिया निदेशालय के प्रमुख अली हुसैन हाजिमा अन्य हिजबुल्लाह कमांडरों के साथ मारा गया है।”

सफीद्दीन 4 अक्तूबर के बाद से हिज्बुल्लाह के संपर्क में नहीं था। इसी दिन इजरायली सेना ने दक्षिणी बेरुत में हिज्बुल्लाह के एक खुफिया ठिकाने पर हमला बोला था।

हिज्बुल्लाह ने साधी चुप्पी

हालांकि, हिज्बुल्लाह की तरफ से इस बाबत कोई बयान जारी नहीं किया गया है। न तो सफीद्दीन की मौत की पुष्टि की गई है और न ही उसका खंडन किया गया है।

हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 8 अक्टूबर को ही कहा था कि सेना ने सफीद्दीन को मार गिराया है।

हालांकि, तब उन्होंने उसका नाम नहीं लिया था और कहा था कि नसरल्लाह का उत्तराधिकारी भी मार गिराया गया है।

लेबनान के लोगों को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायली सेना ने “हजारों आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें नसरल्लाह खुद और नसरल्लाह का उत्तराधिकारी और उसका भी उत्तराधिकारी शामिल है।

मंगलवार को देर रात सेना ने कहा कि इजरायल की वायु सेना ने तीन सप्ताह पहले लेबनान की राजधानी में हिजबुल्लाह के गढ़, दक्षिणी बेरूत उपनगर दहियाह में हिजबुल्लाह के मुख्य खुफिया मुख्यालय पर एक सटीक, खुफिया-आधारित हमला किया था, जिसमें इन आतंकवादियों का खात्मा हुआ। बयान में कहा गया है कि जिस ठिकाने को तबाह किया गया, उसमें हिज्बुल्लाह के 25 आतंकी मौजूद थे।

कौन था हाशेम सफीद्दीन

हाशेम सफीद्दीन मारे गए हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का रिश्तेदार था। वह हिज्बुल्लाह के निर्णायक मंडल कमेटी का सक्रिय और ताकतवर सदस्य था।

वह सत्तारूढ़ शूरा परिषद का भी सदस्य था। ईरान के साथ उसके मजबूत संबंध थे। उसने क़ोम में रहकर पढ़ाई की थी, जो सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है।

ईरान के साथ उसके परिवारिक संबंध बहुत गहरे थे। उसके बेटे ने ईरान के कुद्स फोर्स के पूर्व कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से शादी की थी। 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी मारा गया था।

अपनी पगड़ी के कारण “सैय्यद” की उपाधि धारण करने वाले सफीद्दीन को पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में मान्यता दी गई थी, ठीक वैसे ही जैसे हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को दी गई थी।

2017 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब दोनों ने हिजबुल्लाह के भीतर उनकी प्रमुख भूमिका के कारण उसे आतंकवादी घोषित किया था।

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