प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
अहोई अष्टमी गुरुवार 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी। यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
कुछ परिवारों में यह व्रत चंद्रमा को देखकर खोला जाता है, तो कुछ तारा देखकर व्रत खोलते हैं।
यह व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु व रक्षा के लिए रखती हैं।
इस बार अहोई अष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं जो इस व्रत को विशेष व मंगल बना रहे हैं।
अहोई पर बन रहे कई योग
ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता के अनुसार, अहोई अष्टमी पर गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य योग, अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, जोकि इस दिन को विशेष बना रहा है।
अष्टमी तिथि कल 01 बजकर 21 मिनट सुबह से प्रारम्भ होगी, जिसमें सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा। अष्टमी तिथि बृहस्पतिवार को पूर्ण दिन-रात व्यापनी है।
इस साल यह तिथि 24 अक्तूबर को सुबह 1 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 25 को सुबह 1 बजकर 58 मिनट तक समाप्त होगी।
दया तिथि की मान्यता के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत 24 को रखा जाएगा। अहोई अष्टमी व्रत करने से आपकी संतान खुशहाल होने के साथ ही दीर्घायु भी होती हैं।
बन रहे कई शुभ योग
ज्योतिषचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार कल अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। गुरुवार को चंद्रउदय का समय रात्रि 11 बजकर 57 मिनट पर है और तारे देखने का समय लगभग छह बजकर 06 मिनट के आसपास है।
अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्तूबर किया जाएगा और उस दिन बहुत शुभ योग भी हैं। सर्वाथ सिद्धि योग, अमृत योग भी हैं