प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की।
जुलाई में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति बने पेजेशकियन और मोदी के बीच यह पहली मुलाकात है।
रूस के कजान शहर में चल रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ये मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन ने इसे “अच्छा” बताया।
बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। यह बैठक उस समय हो रही है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
खासतौर से हिजबुल्लाह और हमास के शीर्ष नेताओं की मौत के बाद मध्य-पूर्व में स्थिति और भी तनावपूर्ण है।
भारत और ईरान के बीच प्राचीन सभ्यता से जुड़े रिश्ते हैं। ईरान भारत के विस्तारित पड़ोसी क्षेत्र में स्थित है और दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण तालमेल है।
भारत और ईरान महत्वपूर्ण व्यापार साझेदार हैं। जनवरी 2024 में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान की यात्रा की थी, जो कि सितंबर 2023 में ब्रिक्स में ईरान के शामिल होने के बाद उनकी पहली यात्रा थी।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रिक्स में शुरू में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, लेकिन अब इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब भी शामिल हो गए हैं।
तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है तथा कुछ अन्य देशों ने भी इसमें शामिल होने में रुचि दिखाई है।