आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र की उन विधानसभा सीटों पर मराठा उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है, जहां इस समुदाय के लोगों की अच्छी-खासी आबादी है।
जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में जरांगे ने कहा कि वह केवल उन्हीं सीटों पर मराठा उम्मीदवार उतारेंगे, जहां समुदाय की जीत की संभावना है।
जरांगे ने कहा कि उनका समूह अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित क्षेत्रों में मराठा मुद्दों का समर्थन करने वाले अन्य उम्मीदवारों का समर्थन करेगा।
उन्होंने कहा कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मराठा समुदाय की जीत की संभावना नहीं है, वहां उनका समूह पार्टी, जाति या धर्म की परवाह किए बिना उम्मीदवारों का समर्थन करेगा। बशर्,ते वे आरक्षण की मांग का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हों।
मनोज जरांगे ने कहा कि जो उम्मीदवार उपरोक्त मांग से सहमत हैं, उन्हें लिखित प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करना होगा। माना जा रहा है कि इस कदम से कई उम्मीदवारों का राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकता है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
जरांगे ने संभावित उम्मीदवारों से नामांकन पत्र दाखिल करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी उम्मीदवारी के बारे में अंतिम निर्णय 29 अक्टूबर को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर किसी उम्मीदवार से नामांकन वापस लेने का अनुरोध किया जाता है तो उसे इसका अनुपालन करके नामांकन पत्र वापस लेना होगा।
मराठा आरक्षण आंदोलन को कमजोर करने का आरोप
जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया।
उन्होंने मराठा समुदाय से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग के पीछे एकजुट होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने की अपील की।
आरक्षण कार्यकर्ता ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण और हैदराबाद, बॉम्बे व सतारा के राजपत्रों की मसौदा अधिसूचनाओं को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इसमें मराठा समुदाय को कृषक समूह कुनबी घोषित करते हुए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण और लाभ के लिए पात्र बताया गया है।