करवा चौथ पर 1 घंटे 16 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानें शाम की पूजा कब शुरू होगी…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

:पंचांग अनुसार, हर साल करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।

करवा चौथ को कर्क चतुर्थी या करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

अपने पति की दीर्घायु, सफलता व वैवाहिक जीवन की मंगल कामना के लिए महिलाएं ये व्रत करती हैं।

पंचांग अनुसार, 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर चतुर्थी तिथि शुरू हो गई है और 21 अक्टूबर सोमवार की सुबह 4 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।

इस साल करवा चौथ के लिए 1 घंटे से ज्यादा पूजा का शुभ मुहूर्त मिल रहा है। गौर करने वाली बात यह रहेगी की शाम में राहुकाल भी लग रहा है। आइए पंडित से जानते हैं करवा चौथ की पूजा कब करना उत्तम रहेगा।

करवा चौथ पर 1 घंटे 16 मिनट का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य डॉ.सुशांतराज के मुताबिक आज करवा चौथ का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा, जो शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट्स मानी जा रही है।

वहीं, ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत की मानें तो करवा चौथ की पूजा शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच करना शुभ रहेगा। इस दौरान अमृत चौघड़िया मुहूर्त भी रहेगा।

शाम की पूजा कब होगी शुरू:आज पंचांग अनुसार, राहुकाल शाम 04:21 बजे से शाम 05:46 तक रहेगा। ऐसे में शाम की पूजा 05:46 पी एम के बाद शुरू करना उत्तम मानी जाएगी।

करवा चौथ पूजन शुभ मुहूर्त 2024

ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:34 ए एम

प्रातः सन्ध्या- 05:08 ए एम से 06:24 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:42 ए एम से 12:27 पी एम

विजय मुहूर्त- 01:58 पी एम से 02:44 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 05:45 पी एम से 06:11 पी एम

सायाह्न सन्ध्या- 05:45 पी एम से 07:01 पी एम

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय-करवा चौथ के दिन चांद निकालने का समय शाम 07 बजकर 54 मिनट है। अलग-अलग शहरों में चंद्रोदय का समय भी अलग हो सकता है।

करवा चौथ पूजा-विधि

1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें

2. मंदिर और घर की साफ-सफाई करें

3. सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान पूजा करें

4. करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें

5. संध्या के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें

6. फिर चंद्रमा की पूजा करें

7. चंद्र दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें

8. पति को छलनी से देखकर आरती उतारें

9. फिर पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पारण किया जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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