प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक ने चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं।
इस तिमाही में बैंक का मुनाफा 24 प्रतिशत घटकर 223 करोड़ रुपये रह गया है।
आरबीएल बैंक ने शनिवार को बताया कि क्रेडिट कार्ड और स्मॉल लोन अकाउंट्स से उत्पन्न परिसंपत्ति गुणवत्ता चुनौतियों के कारण मुनाफा घट गया।
बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का मुनाफा 294 करोड़ रुपये रहा था। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में मुनाफा 372 करोड़ रुपये रहा था।
क्या कहा सीईओ ने
आरबीएल बैंक के सीईओ और एमडी आर सुब्रमण्यकुमार ने बताया कि माइक्रो फाइनेंस अकाउंट में तनाव उद्योग-व्यापी मुद्दों के कारण है, लेकिन क्रेडिट कार्ड के मोर्चे पर जहां नियामक उद्योग के लिए जोखिम की बात कर रहा है, वह आंतरिक पहलुओं के कारण है।
बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि क्रेडिट कार्ड पर आने वाली चुनौतियां दिसंबर तिमाही के अंत तक सुलझ जाएंगी, लेकिन माइक्रो लोन पर यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है।
एक अधिकारी ने बताया कि तिमाही के दौरान ताजा स्लिपेज लगभग दोगुना होकर 1,026 करोड़ रुपये हो गया और इसमें से लगभग 70 प्रतिशत वृद्धि क्रेडिट कार्ड खातों से हुई, जबकि शेष वृद्धि माइक्रो फाइनेंस से हुई।
एडवांस में 15 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद तिमाही के दौरान इसकी मुख्य शुद्ध ब्याज आय केवल नौ प्रतिशत बढ़कर 1,615 करोड़ रुपये रही और यह धीमी वृद्धि मुख्य रूप से सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) और क्रेडिट कार्ड में परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों के कारण हुई।
शेयर का हाल
आरबीएल बैंक के शेयर की बात करें तो बीते शुक्रवार को यह 1.43% बढ़कर 205.45 रुपये पर पहुंच गया। एक दिन पहले के मुकाबले शेयर ट्रेडिंग के दौरान 2 फीसदी तक चढ़ गया था।
इस दौरान शेयर की कीमत 208.15 रुपये तक पहुंच गई। 11 जनवरी 2024 को शेयर 300.50 रुपये तक पहुंच गया था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।
8 अक्टूबर 2024 को शेयर 189.65 रुपये के निचले स्तर पर आ गया। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो लेवल है। इस लिहाज से देखें तो बीते कुछ दिनों से शेयर रिकवरी मोड में है।