जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने पहली ही मीटिंग में कवायद शुरू कर दी है।
उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के प्रस्ताव पारित किया था।
इस प्रस्ताव को अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी है।
जम्मू-कश्मीर की कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने वाले मामले पर प्रधानमंत्री और केंद्र के साथ बातचीत के लिए अधिकृत किया है।
इस सिलसिले में उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाएंगे और केंद्र से चर्चा करेंगे।
जम्मू-कश्मीर को कैसे मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की प्रक्रिया कई संवैधानिक और कानूनी कदमों के माध्यम से पूरी होगी। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और संसद की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है।
आइए जानें कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे मिल सकता है-
सबसे पहला कदम राज्य कैबिनेट द्वारा लिया गया है। उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें राज्य को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है।
इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा मंजूरी मिल गई है। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
केंद्र की क्या होगी भूमिका
अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास जाएगा, जहां इस पर गहन विचार-विमर्श होगा। केंद्र सरकार प्रस्ताव पर विचार करेगी और इसकी समीक्षा के बाद इसे संसद में पेश करने का निर्णय लेगी।
जब केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को संसद में पेश करेगी तो संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में इस प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान किया जाएगा।
प्रस्ताव के पक्ष में बहुमत मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
पड़ेगी संविधान संशोधन की जरूरत
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भारतीय संविधान में कुछ संशोधन करने की आवश्यकता होगी। मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है जिसे 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह दर्जा मिला था।
इसे वापस पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत बदलाव करना होगा, ताकि इसका राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचा बदला जा सके।
राष्ट्रपति की मुहर से ही जम्मू-कश्मीर बनेगा पूर्ण राज्य
संसद से पारित होने के बाद प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी। जब राष्ट्रपति इस पर अपनी स्वीकृति देंगे, तब संविधान में आवश्यक संशोधन लागू हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।