प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हर साल सुहागिनों महिलाओं को करवा चौथ व्रत का बेसब्री से इंतजार रहता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा। विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत का बड़ा महत्व है।
इस दिन महिलाएं सुहाग की सलामती, पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती है। शाम को करवा माता,शिव-गौरी, गणेशजी और कार्तिकेय भगवान की पूजा में शामिल होने के लिए 16 श्रृंगार करती हैं।
रात में चंद्रदेव को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ पूजा में करवे को करवे को सुहागिनों के साथ बदला भी सकता है। आइए जानते हैं करवा कैसे और किसके साथ बदला जाता है?
करवा चौथ पर करवा किसके साथ बदलें?
अकेले करवा बदलने के लिए दो करवा चाहिए। इसके लिए मिट्टी या पीतल समेत घर में लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार करवे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
करवा चौथ में लिए गए दो करवे में एक करवा गौरी माता के नाम का होता है और दूसरा करवा स्वंय के नाम का होता है।
सबसे पहले चौकी पर थोड़ा अनाज रखके करवे को स्थापित कर दें। इसके बाद करवे के ऊपर रखें दीपक को प्रज्ज्वलित कर लें। करवा पर रोली,अक्षत और कुमकुम से पूजा करें। इसके बाद दोनों हाथों को क्रॉस करते हुए दोनों करवा को हाथ में पकड़कर जय मां करवा का जाप करते हुए करवा बदलेंगे।
करवे को 7 बार फेरेंगे और इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि करवा आपस में न टकराए। इस तरह से करवाचौथ को माता पार्वती के करवे के साथ बदल लिया जाता है और देवी पार्वती से अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा जाता है।
इसके अलावा घर में अन्य सुहागिन महिलाएं सास,देवरानी या जेठानी के भी करवा चौथ व्रत रखने पर 1 करवा की जरुरत होती है और आपस में एक-दूसरे से करवा बदला जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।