प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में सुहागिनों के लिए करवा चौथ त्योहार का विशेष महत्व है।
हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा।
इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पूर्व सरगी खाकर की जाती है।
शाम को करवा माता और शिवपरिवार की पूजा की जाती है। इसके बाद करवा चौथ की व्रत कथा कहा या सुना जाता है। रात को चंद्रदेव को जल अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं।
इस व्रत में विभिन्न रीति-रिवाज और अनुष्ठान शामिन होते हैं। करवा चौथ व्रत-पूजन के लिए चौकी स्थापना भी की जाती है। चौकी स्थापना उत्तर-पूर्व दिशा में किया जाना चाहिए।
चौकी पर गंगाजल छिड़कर लाल या पीले रंग की साफ कपड़ा बिछा दें। करवा चौथ की पूजा चौकी में कुछ चीजों को शामिल करना बेहद जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं करवा चौथ की पूजा चौकी पर क्या रखना चाहिए?
करवा चौथ की पूजा चौकी में क्या रखें?
करवा चौथ की पूजा चौकी पर करवा माता,शिव-पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय भगवान समेत शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
करवा चौथ के दिन मिट्टी के करवे का इस्तेमाल करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। करवे पर हल्दी-कुमकुम जरूर लगाएं और कलावा बांधे। करवे को अन्न-धन और सूखे मेवे और एक सिक्के से भरें।
करवे को मिट्टी के दिये से ढक दें। करवा चौथ की चौकी में फल,फूल,मिठाई, बताशा, मिट्टी की गौरी माता,सिन्दूर,धूप,दीया,सींकें(सरई),चांद को देखने के लिए छलनी,अक्षत,गेंहू और चावल करवा में भरने के लिए,श्रृंगार सामग्री को रखना चाहिए।
मान्यता है कि पूजा समाप्त होने के बाद करवा चौथ की चौकी को मंगलवार, गुरुवार और रविवार के दिन करवा चौथ की चौकी नहीं उठाना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।