संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल को हथियारों की आपूर्ति बंद करने की धमकी दी है और कहा है कि गाजा में मानवीय स्थिति में सुधार लाया जाय। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब अमेरिका ने इस तरह की धमकी इजरायल को दी हो।
मई में भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अगर दक्षिणी शहर राफा पर आक्रमण होता है तो वह इजरायल को हथियारों की खेप रोक देंगे लेकिन इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी धमकी से बेपरवाह होकर हमास के खिलाफ अपना अभियान जारी रखा। दूसरी तरफ अमेरिका ने भी इजरायल को हथियारों की आपूर्ति जारी रखी।
अब एक बार फिर से अमेरिका ने पांच महीने बाद वही धमकी दोहराई है। हालांकि, नवीनतम चेतावनी में कहा गया है कि इजरायल के पास गाजा में जमीनी स्तर पर मानवीय स्थिति में सुधार करने के लिए 30 दिन हैं।
अमेरिका के अलावा फ्रांस ने भी इजरायल से गाजा और लेबनान में अपने सैन्य अभियान रोकने तथा राजनीतिक वार्ता की ओर बढ़ने का आग्रह किया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि इजरायल अपने ही मित्र देश और खासकर उस देश की बात क्यों नहीं मान रहा हो उसे युद्ध में उन्नत हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई कर रहा है, तो इसका जवाब यह है कि अमेरिका अकेला देश नहीं है, जिसके आसरे इजरायल है।
अमेरिका के अलावा पांच और बड़े देश हैं जो इजरायल को बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करते हैं।
अमेरिका सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता
हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल को हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा अंतरराष्ट्रीय हथियारों के हस्तांतरण पर एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इजरायल के हथियारों के आयात का 69% हिस्सा सिर्फ अमेरिका से आया है।
इसके बाद दूसरे नंबर पर जर्मनी है, जहां से 30% हथियारों की सप्लाई की गई है। इसके बाद इटली 0.9% के साथ तीसरे स्थान पर है। ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन भी अन्य छोटे आपूर्तिकर्ताओं में शुमार हैं।
CNN की एक रिपोर्ट में थिंक टैंक के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका द्वारा सप्लाई किए गए हथियारों ने हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों को घातक बना दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 के अंत में अमेरिका ने इजरायल को हजारों गाइडेड बम और मिसाइलें सप्लाई की हैं। इसके अलावा जनवरी 2024 में अमेरिका से F-35 और F-15 लड़ाकू विमान भी इजरायल भेजे गए।
इजरायल के जिन हमलों में गाजा में बड़े पैमाने पर नागरिक मारे गए हैं, उसके लिए भी अमेरिकी हथियार जिम्मेदार रहे हैं। बेरूत में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत में इस्तेमाल 2,000 पाउंड बम भी संभवत: अमेरिका से आए थे।
जर्मनी का क्यों घटा योगदान
2023 में जर्मनी ने इजरायल के हथियारों के आयात में करीब 30% का योगदान दिया था लेकिन 2024 में इसमें काफी कमी आई है। दरअसल, इस साल की शुरुआत में निकारागुआ ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से गुहार लगाई थी जर्मनी को इजरायल को सैन्य सहायता करने से रोका जाय।
हालांकि, यह अनुरोध खारिज हो गया लेकिन इस वजह से जर्मन सैन्य सहायता अक्टूबर 2023 के €200 मिलियन ($220 मिलियन) से घटकर मार्च 2024 में €1 मिलियन ($1.1 मिलियन) तक गिर गया।