भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लेते हुए टिकट रिजर्वेशन में बदलाव कर दिया है।
अब तक जहां चार महीने तक यानी कि 120 दिनों तक के टिकट बुक करवाए जा सकते थे, अब इसकी लिमिट 60 दिन की कर दी गई है।
रेल यात्री 60 दिन पहले ही किसी ट्रेन का टिकट बुक करवा सकेंगे।
एक नवंबर से रेलवे इस फैसले को लागू करने जा रहा है। हालांकि, तब तक के बुक करवाए गए टिकट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस फैसले के पीछे की क्या वजह?
रेल मंत्रालय ने जारी सर्कुलर में बताया है कि इस फैसले से रेलवे बोर्ड को भारत में रेल यात्रा की वास्तविक मांग की दृश्यता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
यह देखा गया कि 61 से 120 दिन की अवधि के लिए किए गए लगभग 21 प्रतिशत आरक्षण रद्द हो रहे थे।
इसके अलावा, 5 प्रतिशत यात्री न तो अपने टिकट रद्द कर रहे थे और न ही वे यात्रा कर रहे थे। नो शो प्रवृत्ति भी इस निर्णय के पीछे की वजहों में से एक थी, जो भारतीय रेलवे को पीक सीजन के दौरान विशेष ट्रेनों की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगी।
टिकट कैंसलेशन को कम करना भी वजह
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता में सुधार करना और कैंसलेशन की घटनाओं को कम करना है, जिसकी वजह से आरक्षित बर्थ की बर्बादी होती है।
ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ दिन की एक्सप्रेस ट्रेनें अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा का पालन करना जारी रखेंगी। विदेशी पर्यटकों के लिए 365-दिन की एआरपी सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
टिकट कैंसलेशन को कम करना भी वजह
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता में सुधार करना और कैंसलेशन की घटनाओं को कम करना है, जिसकी वजह से आरक्षित बर्थ की बर्बादी होती है।
ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ दिन की एक्सप्रेस ट्रेनें अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा का पालन करना जारी रखेंगी। विदेशी पर्यटकों के लिए 365-दिन की एआरपी सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है।