हरियाणा की हार से कांग्रेस सतर्क; 3 पूर्व मुख्यमंत्री, 2 पूर्व डिप्टी सीएम और 4 मंत्रियों को महाराष्ट्र में उतारने का क्या कारण है?…

हरियाणा विधानसभा चुनावों में हालिया हार को देखते हुए कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

पार्टी के भीतर किसी तरह की गुटबाजी या अति उत्साह को बारीकी से परखने और उस पर नजर रखने के लिए अब अनुभवी नेताओं की फौज महाराष्ट्र में उतारा है।

इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री, एक मौजूदा उप मुख्यमंत्री और चार मौजूदा मंत्री हैं। कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को 11 वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।

इनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी महासचिव सचिन पायलट के नाम प्रमुख हैं।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गहलोत और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को मुंबई एवं कोंकण क्षेत्र, भूपेश बघेल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को विदर्भ (अमरवाती एवं नागपुर) क्षेत्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

इनके अलावा राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और तेलंगाना सरकार में मौजूदा मंत्री उत्तर कुमार रेड्डी को मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कर्नाटक सरकार के मंत्री एमबी पाटिल को पश्चिम महाराष्ट्र और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन एवं तेलंगाना सरकार की मंत्री अनुसुइया सीताक्का को उत्तरी महाराष्ट्र क्षेत्र के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है।

कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे को महाराष्ट्र में चुनाव के लिए वरिष्ठ समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है।

झारखंड के लिए भी पार्टी ने तीन नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इनमें बिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर,पश्चिम बंगाल के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और तेलंगाना के डिप्टी सीएम मल्लू भाटी विकरामारका को पर्यवेक्षक बनाया गया है।

पार्टी ने हरियाणा चुनाव में अशोक गहलोत और पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाया था, जहां पार्टी 37 सीटें जीतकर बहुमत से दूर रह गईं।

पार्टी नेता हरियाणा में अति उत्साह में थे। इन सब कयासों पर सटीक आंकलन और छोट-छोटे इलाकों का प्रभारी बनाकर कांग्रेस ने पुरानी गलती सुधारने की कोशिश की है।

बता दें कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है।

महाराष्ट्र में एक चरण में सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।

दोनों राज्यों में 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। इनके अलावा 15 राज्यों की 47 और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान आयोग ने किया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap