प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है।
सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ व्रत विधि-विधान से करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की पूजा का विधान है।
व्रत को चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद पारण किया जाता है। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इसे अन्न व जल ग्रहण किए बिना ही सूर्योदय से चंद्र दर्शन तक किया जाता है।
इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया रहने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को अशुभ योग माना गया है। जानें करवा चौथ के दिन बनने वाले पूजन के शुभ मुहूर्त, भद्रा व राहुकाल टाइमिंग-
करवा चौथ कब है 2024-चतुर्थी तिथि 2 अक्टूबर 2024 को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगी और 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 रविवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ के दिन बन रहे पूजन ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:34 ए एम
करवा चौथ के दिन बन रहे पूजन ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:34 ए एम
शुभ – उत्तम: 01:30 पी एम से 02:55 पी एम
शुभ – उत्तम: 05:45 पी एम से 07:20 पी एम
अमृत – सर्वोत्तम: 07:20 पी एम से 08:55 पी एम
राहुकाल व भद्रा का समय- 20 अक्टूबर को राहुकाल शाम 04 बजकर 2 मिनट से शाम 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
इस दिन भद्रा सुबह 06 बजकर 24 मिनट से सुबह 06 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा व राहुकाल दोनों ही शुभ कार्यों के लिए वर्जित काल माने गए हैं।
करवा चौथ पूजन मुहूर्त- ज्योतिष गणना के अनुसार, करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2024 को शाम 05 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगा।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय-द्रिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय शाम 07 बजकर 53 मिनट है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर चंद्रोदय का समय भिन्न हो सकता है।
कहां मनाया जाता है करवा चौथ व्रत– करवा चौथ व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। करवा चौथ व्रत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में मुख्य रूप से मनाया जाता है।
करवा चौथ का महत्व-हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ व्रत करने से पति निरोगी व दीर्घायु होता है। परिवार में अंनत खुशियां व सुख-समृद्धि का आगमन होता है।