दशहरे की आड़ में बाबा सिद्दीकी पर हमला, गोली मारने से पहले हमलावरों ने जलाए पटाखे, ऐसे रची साजिश…

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।

घटना के वक्त वह मुंबई स्थित अपने बेटे के ऑफिस से निकल रहे थे। पेट और छाती में गोली लगने के बाद सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया, मगर उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस हत्याकांड को लेकर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा का रहने वाला है। तीसरा आरोपी अभी तक फरार है जिसकी तलाश की जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावरों ने सिद्दीकी पर गोलीबारी को कवर करने के लिए पटाखों का इस्तेमाल किया।

वे बाबा सिद्दीकी के बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी के ऑफिस बाहर दशहरे के मौके पर आतिशबाजी करते रहे और इसी बीच गोलियां भी चला दीं।

सूत्रों ने बताया कि आरोपियों की लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संलिप्तता की जांच की जा रही है। हालांकि, प्रभावशाली और प्रमुख अल्पसंख्यक समुदाय के नेता सिद्दीकी की हत्या के पीछे के इरादे स्पष्ट नहीं हैं।

अस्थायी रूप से यह संदेह है कि यह कुछ व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है। बाबा सिद्दीकी दशकों तक एक दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त व उनकी बेटी प्रिया दत्त के करीबी सहयोगी रहे।

उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले फरवरी में अजित पवार की एनसीपी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी। पिछले कुछ महीनों से वह और उनके बेटे जीशान इस तैयारी में थे कि वे आगामी राज्य विधानसभा चुनावों से पहले वह जल्द ही अपनी राजनीतिक प्राथमिकताएं स्पष्ट कर देंगे।

‘महायुति सरकार घटना की जिम्मेदारी ले और सत्ता छोड़े’

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) नेताओं ने सिद्दीकी की सनसनीखेज हत्या के लिए महायुति शासन की आलोचना की है। साथ ही, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।

जवाबदेही सर्वोपरि है।’ वहीं, राकांपा नेता शरद पवार ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंताजनक है। यह भी चिंता की बात है कि स्थिति को इतनी हल्के ढंग से लिया जा रहा है।

सत्तारूढ़ पार्टी को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए और सत्ता छोड़ देनी चाहिए।

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