मिडिल-ईस्ट में बम बरसा रहे इजरायल को उसका करीबी दोस्त अमेरिका खूब पैसे दे रहा है।
एक ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिका ने गाजा युद्ध के बाद से इजरायल को कम से कम 17.9 अरब डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान की है।
इसके अलावा अमेरिका ने 4.86 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि पश्चिम एशिया में अपने सैन्य अभियानों में खर्च की है, जिसमें नौसेना द्वारा यमन के हूथियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर हमले रोकने के प्रयास भी शामिल हैं।
ये हमले हूथी गुट ने हमास के साथ समर्थन में किए हैं।
ब्राउन यूनिवर्सिटी के ‘कॉस्ट्स ऑफ वॉर प्रोजेक्ट’ की एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। यह रिपोर्ट हमास द्वारा इजरायल पर हमलों की पहली वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को जारी की गई थी।
रिपोर्ट तब जारी की गई है जब इजरायल ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादियों के खिलाफ लेबनान में दूसरा मोर्चा खोल दिया है।
यह पहला अनुमानित आंकड़ा है जिसमें इजरायल के साथ गाजा और लेबनान में चल रहे संघर्षों के लिए अमेरिका द्वारा खर्च किए गए पैसों का जिक्र है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल को 1959 से अब तक 251.2 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दी जा चुकी है, जो किसी भी देश को दी गई सबसे बड़ी सहायता है।
लेकिन 7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजरायल को दी गई 17.9 अरब डॉलर की सहायता एक साल में दी गई सबसे अधिक राशि है।
इस सहायता में सैन्य वित्तपोषण, हथियारों की बिक्री, अमेरिकी भंडार से 4.4 अरब डॉलर से अधिक की आपूर्ति और इस्तेमाल किए गए उपकरण शामिल हैं।
इसमें गोलाबारूद, तोप के गोले, 2,000 पाउंड के बंकर बस्टर्स और सटीक-निर्देशित बम जैसी चीजें शामिल हैं।
इसके अलावा 4 अरब डॉलर की राशि इजरायल के आयरन डोम और डेविड स्लिंग मिसाइल रक्षा प्रणालियों को फिर से भरने में खर्च की गई है।
हालांकि, रिपोर्ट के शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता के विपरीत, इजरायल को भेजे गए हथियारों की पूरी जानकारी प्राप्त करना कठिन था।
रिपोर्ट में बताया गया कि गाजा में इजरायल के जवाबी हमलों में अब तक लगभग 42,000 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हमास के हमले में एक साल पहले इजरायल में 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था।
इसी अवधि में लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों और नागरिकों सहित कम से कम 1,400 लोगों की मौत हो चुकी है।