दशहरा पूजा के लिए 2 घंटे 18 मिनट का समय, जान लें रावण दहन का मुहूर्त…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

हिंदू धर्म में दशहरा प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा को विजया दशमी के नाम से भी जानते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा या विजया दशमी हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार अवगुणों को त्याग कर गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

यही कारण है कि इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक मानते हैं। इसी दिन भगवान श्री राम ने अधर्म, अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध करके पृथ्वीवासियों को भयमुक्त किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध करके धर्म और सत्य की रक्षा की थी।

इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गाजी, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है।

समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विजयादशमी पर रामायण पाठ, श्री राम रक्षा स्त्रोत, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाना शुभ माना जाता है।

अबकी बार विजयादशमी विजय मुहूर्त में मनाया जाएगा। यह मुहूर्त लाभदायक है। ज्योतिषाचार्य पं.मुकेश मिश्र ने बताया कि हिंदू पंचाग के अनुसार दशमी तिथि शनिवार की सुबह 10.57 से प्रारंभ होगी।

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजय मुहूर्त दोपहर दो बजकर तीन मिनट से लेकर दो बजकर 49 मिनट तक है।

इस दिन पूजा का समय दोपहर एक बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर के 3.35 बजे तक है। कुल मिलाकर दशहरा पर पूजा अवधि दो घंटे 18 मिनट है। साधक दोपहर एक बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर के तीन बजकर 35 मिनट के मध्य पूजा-पाठ कर सकते हैं।

रावन दहन का मुहूर्त-रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में ही किया जाता है। श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगा और 13 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

इस साल रावण दहन का सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 05:53 बजे से शाम 07:27 बजे तक रहेगा।

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