दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं हैं मगर उनकी असाधारण उपलब्धियां युवा पीढ़ी के लिए आज भी प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं।
आज की पीढ़ी के कई लोग इस बात से अनजान हैं कि रतन टाटा पहले भारतीय नागरिक हैं जिन्होंने एफ-16 फाल्कन फाइटर जेट उड़ाया था।
यह अविश्वसनीय घटना 2007 में बैंगलोर में आयोजित एक एयर शो के दौरान हुई थी, जहां रतन टाटा 69 वर्ष की आयु में इस जेट के को-पायलट बने।
इस दौरान टाटा ने लॉकहीड मार्टिन के टेस्ट पायलट पॉल हैटेंडॉर्फ के साथ मिलकर एफ-16 ब्लॉक 50 का उड़ान भरी। इस कारनामे को देख दुनिया दंग रह गई थी।
यह जेट लगभग 400 करोड़ रुपये की कीमत का है और इसकी अधिकतम गति 2000 किमी/घंटा से अधिक है। रतन टाटा ने लगभग 40 मिनट तक विमान में उड़ान भरी और उड़ान के बीच में इसे नियंत्रित किया।
इस अनुभव के बाद रतन टाटा ने कहा, “यह शानदार था।” एफ-16 के को-पायलट बनने वाले पहले भारतीय बनने के लगभग एक दशक बाद, रतन टाटा ने भारत में एफ-16 ब्लॉक 70 के उत्पादन के लिए लॉकहीड मार्टिन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह सहयोग न केवल भारत और अमेरिका में हजारों नौकरियों को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत को वैश्विक लड़ाकू विमान आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र भी बनाता है।
अब तक 26 देशों में 4,500 से अधिक एफ-16 विमानों का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें से लगभग 3,200 अभी भी सक्रिय सेवा में हैं। इस प्रकार, एफ-16 दुनिया का सबसे सफल और युद्ध-परीक्षित बहु-भूमिका लड़ाकू जेट बना हुआ है।