प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है।
अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप व नवमी को मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा का विधान है।
इस साल नवरात्रि में चतुर्थी तिथि का क्षय और नवमी तिथि की वृद्धि होने के कारण लोगों में अष्टमी व नवमी तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। जानें ज्योतिषाचार्य से नवरात्रि की अष्टमी कब है-
नवरात्रि की अष्टमी कब है 2024-
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, इस साल नवरात्रि में अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन मनेगी। जिसके पीछे का कारण तिथियों का घटना व बढ़ना है।
अष्टमी का प्रारंभ 10 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे के बाद होगा, ऐसे में इस दिन सप्तमी तिथि भी मिल रही है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि का व्रत रखना वर्जित है, इसलिए अष्टमी का व्रत अगले दिन यानी 11 अक्टूबर को रखा जाएगा और इस दिन ही नवमी भी मनाई जाएगी। इस साल अष्टमी व नवमी एक ही दिन पड़ रही हैं।
अष्टमी तिथि कब से कब तक-अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर 2024, को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी।
द्रिक पंचांग के अनुसार 11 अक्टूबर को बनने वाले शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 ए एम से 05:29 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:04 ए एम से 06:19 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:43 ए एम से 12:30 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:03 पी एम से 02:49 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:55 पी एम से 06:19 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:55 पी एम से 07:09 पी एम
अमृत काल- 11:05 पी एम से 12:40 ए एम, 12 अक्टूबर
अष्टमी-नवमी के दिन राहुकाल का समय- 11 अक्टूबर को राहुकाल सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।