हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बढ़त देने वाले एग्जिट पोल एक बार फिर मतदाताओं की नब्ज टटोलने में विफल रहे।
बीते लोकसभा चुनाव में भी इनके अनुमान फेल साबित हुए थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से पता चला कि हरियाणा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन आसानी से सत्ता में आ रहा है।
लगभग सभी एग्जिट पोल ने 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और भाजपा के लिए 30 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल लग रहा था।
सी-वोटर-इंडिया टुडे एग्जिट पोल ने कांग्रेस को 50-58 सीटें और भाजपा को 20-28 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि रिपब्लिक भारत-मैट्रिज ने कांग्रेस को 55-62 सीटें और भाजपा को 18-24 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था।
नतीजे आने के बाद भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई।
सी-वोटर-इंडिया टुडे एग्जिट पोल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 40-48 सीटें दी थीं। भाजपा को 27-32 सीटें मिलने का अनुमान था।
रिपब्लिक-गुलिस्तान पोल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को 28-30 सीटें, कांग्रेस को 3-6 सीटें और भाजपा को 28-30 सीटें दी थीं। पीपुल्स पल्स ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को 33-35 सीटें, कांग्रेस को 13-15 सीटें और भाजपा को 23-27 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था।
वास्तविक नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस छह सीटें जीतने में सफल रही। गठबंधन का हिस्सा सीपीआई(एम) भी एक सीट पर विजयी हुई।
इस साल की शुरुआत में, कई एग्जिट पोल ने लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत की भविष्यवाणी की थी, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी को 543 सदस्यीय सदन में 350 से अधिक सीटें दी गई थीं।
कुछ ने तो 400 के पार जाने की भी भविष्यवाणी की थी। भाजपा लोकसभा चुनाव में 240 सीटें जीतने में सफल रही तथा उसके सहयोगी दलों को मिलाकर 293 सीटें मिलीं।