भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले जाकिर नाइक ने यात्रा के दौरान छूट नहीं देने के लिए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की आलोचना की है।
विवादित इस्लामी उपदेशक मलेशिया से पाकिस्तान की यात्रा के दौरान अतिरिक्त सामान के लिए शुल्क माफ नहीं करने से परेशान था।
आपको बता दें कि आर्थिक तंगी झेल रहे पीआईए ने उसके सामानों पर सिर्फ 50 प्रतिशत की छूट की पेशकश की थी।
जाकिर नाइक 1 अक्टूबर को पाकिस्तान पहुंचा और 28 अक्टूबर तक वहां रहने वाला है। उसने कराची में समर्थकों को संबोधित करते हुए ये बातें कही हैं। उसने कहा, “जब मैं पाकिस्तान आ रहा था, तो हमारे सामान का वजन करीब 1000 किलोग्राम था।
मैंने पीआईए के सीईओ से बात की। स्टेशन मैनेजर ने मुझे आश्वासन दिया कि वह मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार है।
जब मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास 500 से 600 किलोग्राम अतिरिक्त सामान है और मेरे साथ छह लोग यात्रा कर रहे हैं तो उन्होंने मुझे 50 प्रतिशत छूट की पेशकश की। मैंने उनसे कहा कि या तो सामान मुफ्त में दे दें या छोड़ दें। मैंने छूट लेने से मना कर दिया।
“जाकिर नाइक ने दावा किया कि जब कोई गैर-मुस्लिम उसे भारत में देखता है तो वे उसे मुफ्त में जाने देता है। उसने पूछा, “यह भारत है जहां लोग डॉ. जाकिर नाइक को देखते हैं और 1,000 से 2,000 किलोग्राम अतिरिक्त सामान माफ कर देते हैं। लेकिन पाकिस्तान में मैं सरकार का मेहमान हूं और मेरे वीजा पर राज्य अतिथि लिखा हुआ है। इसके बावजूद पीआईए सीईओ मुझे 50 प्रतिशत छूट दे रहे हैं?”
जाकिर नाइक ने शिकायत की कि एयरलाइंस ने उनसे हर 1 किलो अतिरिक्त सामान के लिए 101 मलेशियाई रिंगिट (लगभग 2,137 रुपये) का शुल्क लिया। उसने दुख जताते हुए कहा, “मुझे बहुत दुख हुआ कि पीआईए मुझे राजकीय अतिथि के तौर पर 300 किलो अतिरिक्त सामान ले जाने की अनुमति भी नहीं दे सका।”
उसने कहा, “मुझे आपकी छूट नहीं चाहिए। मुझे सच बोलने में दुख हो रहा है, लेकिन पाकिस्तान में यही स्थिति है। भारत में जब कोई हिंदू मुझे देखता है तो वह कहता है डॉ नाइक हमेशा सच बोलेंगे। आज की तारीख में भारत गलत नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलत हैं। भारत में मुझे जो सम्मान मिलता है। पाकिस्तान में भी लोग मुझे पसंद करते हैं।”
आपको बता दें कि 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद इस्लामिक उपदेशक भारत से भाग गया।
इसके बाद से वह मलेशिया में रह रहा है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, लेकिन मलेशिया ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
केंद्र ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। उसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है और उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया है।