विगत दिनों सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग परिसर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला जो की विकलांगता के साथ रह रहे बच्चों के अधिकारों की रक्षा पर राष्ट्रीय हित धारक परामर्श आयोजन था जो की यूनिसेफ की सहभागिता से संपन्न हुआ।
उपरोक्त कार्यक्रम का शुभारंभ भारत के मुख्य न्यायाधीपति श्री DY चंद्रचूड़ के हाथों संपन्न हुआ. साथ में सुप्रीम कोर्ट के किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष जस्टिस बी .वी नागरत्न. श्रीमती अन्नपूर्णा देवी. केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री तथा यूनिसेफ की कंट्री हेड मिस सिंथिया कैफेरि मंचासीन रही।
CJI चंद्रचूड़ ने अपने उद्बोधन में दिव्यांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा तथा समाज की उनके प्रति जवाबदारी पर प्रकाश डाला. उक्त कार्यक्रम में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीपति जस्टिस कोटेश्वर सिंह।
सेक्रेटरी Junanine जस्टिस कमेटी सुप्रीम कोर्ट. हिमानी शरद जी. संपूर्ण भारतवर्ष के उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति. Home हरीश टंडन जी कोलकाता हाई कोर्ट।
आनंद पाठक जी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट. रेखा पाली जी दिल्ली हाई कोर्ट जस्टिस वीरेन गुजरात हाई कोर्ट श्री अनिल मलिक जी सचिव महिला बाल विकास विभाग।
भारत सरकारसमस्त राज्यों के दिव्यांगजन आयुक्त. समस्त राज्यों के समाज कल्याण और महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव. पुलिस विभाग के आईजी स्तर के अधिकारी।
राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष/ सदस्य. यूनिसेफ की चाइल्ड प्रोटेक्शन की प्रमुख Soleded hereo। छत्तीसगढ़ यूनिसेफ की चेतन देसाई।.
विभिन्न एनजीओ के प्रमुख. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष. आदि उपस्थित थे श्री सोनल कुमार गुप्ता ने कहा CJI से मुखातिब होना यह मेरे जीवन का सबसे अनमोल क्षण है।
उन्होंने CJI से इस संक्षिप्त मुलाकात में छत्तीसगढ़ राज्य बाल आयोग द्वारा बाल संरक्षण के क्षेत्र में किया जा रहे बेहतर प्रयासों की मौखिक जानकारी प्रदान की जिस पर CJI ने प्रसन्नता व्यक्त की।