प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
शारदीय नवरात्रि चल रहे हैं। हर साल नवरात्रि में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ललिता पंचमी व्रत या उपांग ललिता व्रत रखा जाता है।
मां ललिता को त्रिपुर सुंदरी के नाम से जाना जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 07 अक्टूबर 2024 को ललिता सप्तमी व्रत रखा जाएगा।
ललिता देवी देवी सती का ही एक रूप मानी जाती है। ललिता माता दस महाविद्याओं में से एक हैं। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता के साथ ललिता पंचमी और भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है।
मान्यता है कि इससे माता रानी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी दुख-कष्ट दूर करती है और उज्ज्वल जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और जीवन सुखमय व्यतीत होता है। यह व्रत विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में मनाया जाता है। आइए जानते हैं उपांग ललिता व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री लिस्ट और पूजाविधि….
उपांग ललिता व्रत कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, 07 अक्टूबर 2024 को सुबह 09 बजकर 47 मिनट पर अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ होगा।
जिसका समापन 08 अक्टूबर 2024 को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 07 अक्टूबर को ललिता पंचमी का व्रत रखा जाएगा।
पूजा सामग्री लिस्ट : ललिता पंचमी व्रत के दिन पूजा के लिए नारियल,कुमकुम,अक्षत,हल्दी, अबीर गुलाल, दीपक, घी, फूल, फल, लाल वस्त्र, इत्र, मौली, जल, बैठने के लिए आसन, कच्चा दूध समेत सभी पूजा की सामग्री एकत्रित कर लें।
पूजाविधि :
ललिता पंचमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
पूजा के लिए शालिग्राम, कार्तिकेय भगवान, शिव-गौरी की प्रतिमा एक छोटी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर स्थापित कर दें।
इसके बाद ईशान ,पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ललिता माता की पूजा करें। मां को लाल फूल और लाल वस्त्र अर्पित करें। ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करें और माता के मंत्रों का जाप करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।