हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को मारने के बाद भी इजरायल लेबनान में लगातार हमले कर रहा है।
अब इजरायल ने हिजबुल्लाह के टॉप कमांर हाशेम सफीदीन को निशाने पर लिया है। गुरुवार रात इजरायल ने बेरूत पर हवाई हमल कर दिए।
हालांकि इजरायल का कहना है कि इस बार ऑपरेशन सीमित दायरे में किए जाएंगे। बता दें कि इजरायल पहली बार लेबनान पर हमला नहीं कर रहा है।
अगर इतिहास पर नजर डालें तो इजरायली हमलों में लेबनान के हजारों लोग मौत की नींद सो चुके हैं।
कब हुआ था पहला हमला
इजरायल ने पहली बार 1978 में लेबनान पर हमला किया था। इजरायल की स्थापना के बाद बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी लेबनान में शरण ले चुके थे।
इन्हीं शरणार्थियों में कट्टरपंथी संगठन पीएलओ भी बन गया। पीएलओ के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला बोल दिया इसके बाद फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) को जवाब देने के लिए इरायील सेना ने धावा बोल दिया।
पीएमलओ ने समुद्र के तट पर एक बस को हाइजैक कर लिया। इसके बाद संघर्ष में 38 इजरायली सैनिक मार दिए गए। इसके बाद इजरायली सेना ने लेबनान में दो महीने का अभियान चलाया।
लेबनान में बफर जोन बना दिया गया। इस हमले में लेबनान में करीब 2 हजार लोग मारे गए थे। वहीं इजरायल के सिर्फ 18 सैनिकों की मौत का रिकॉर्ड है।
दूसरे हमले में लेबनान में मारे गए 20 हजार लोग
इजरायल ने सबसे बड़ा हमला 1982 में किया था। इजरायली सैनिकों ने पीएलओ के खिलाफ अभियान चलाया। इसके बाद लेबनान के सिदोन शहर पर कब्जा कर लिया गया।
इजरायली सेना राजधानी बेरूत तक पहुंच गई। आरोप लगा कि इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों का जमकर नरसंहार किया।
इस हमले में करीब 20 हजार लोग मारे गए थे जिनमें से ज्यादातर आम नागरिक बताए जाते हैं। वहीं इजरायल के भी करीब 600 सैनिक मारे गए।
हिजबुल्लाह पर 1996 में पहला हमला
1982 के हमले के बाद पीएलओ लेबनान से भागा और उसने अपना मुख्यालय ट्यूनीशिया में बना लिया। लेकिन तब तक हिजबुल्लाह सिर उटा चुका था।
हिजबुल्लाह ने इजरायल पर जब मिसाइल अटैक शुरू किया तो 1996 में इजरायल ने भी हमले शुरू कर दिए। दो सप्ताह के दौरान हिजबुल्लाह के दर्जनों लड़ाके मारे गए और लेबनान में सैकड़ों आम नागरिकों की भी जान चली गई।
2006 में हिजबु्ल्लाह की बमबारी के बाद इजरायल ने बेरूत मे हमले किए। यह युद्ध 34 दिनों तक चला। इस युद्ध में लेबनाने में 1100 से ज्यादा लोग मारे गए और इजरायल के भी 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए।
जानकारों का कहना है कि इस बार इजरायल पहले की तरह बड़े हमले नहीं करेगा। वह इस बार सतर्क रहकर हमले करना चाहता है और बिना ज्यादा जनसंहार के लेबनान के शहरों पर कब्जा करना चाहता है।
कब्जा करने के बाद हिजबुल्लाह के ठिकानों पर अभियान चलाने के बाद वह शहरों को छोड़ता चला जाएगा।