प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
आज 2 अक्टूबर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आएगा। नासा की जानकारी के मुताबिक इस सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस दौरान आसमान में सूर्य आग के छल्ले की तरह दिखाई देता है।
क्योंकि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाता। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई फाइटर जैट से भी ज्यादा की स्पीड से मूव करेगी।
लोकेशन के हिसाब से शैडो दिखाई देगी। इस दौरान अगर आपके इलाके में ग्रहण नहीं भी दिख रहा है, फिर भी सूर्य की रौशनी की तरफ नहीं देखना चाहिए।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार आमतौर पर ऐसे सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता है, जहां ग्रहण दिखता नहीं है।
जिस जगह सूर्य ग्रहण होता है, वहीं सूतक काल मान्य होता है। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूर्य ग्रहण लग जाता है और फिर ग्रहण के मोक्ष काल पर ही खत्म होता है।
ग्रहण की समाप्ति के बाद दान किया जाताहै। ऐसा कहा जाता है कि सूतक काल में खाने में तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं।
सूर्य ग्रहण का समय क्या होगा
भारत के समय के अनुसार आज ग्रहण रात को 9 .13 बजे शुरू होगा और 3 अक्टूबर को यानी शारदीय नवरात्रि की तड़के 3.15 मिनट पर खत्म होगा।
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण अर्जेंटीना, चिली, अमेरिका, समोना, अनटार्कटिका, अर्जेंटीना, फिजी, हवाई, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिक, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के इलाकों में देखा जा सकेगा।
उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर,न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।