प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
आज अमावस्या तिथि है।
सर्व पितृ अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या, सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं।
मान्यता अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करने से पितर तृप्त होते हैं और कृपा बरसाते हैं। श्राद्ध को सही तिथि व विधि के साथ करने का विधान है।
आज, बुधवार को पितृ पक्ष का 15वां दिन रहेगा। आइए जानते हैं पितृपक्ष के 15वें दिन या सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर श्राद्ध करने का टाइम-
सर्व पितृ अमावस्या आज:2 अक्टूबर, के दिन पितृपक्ष का 15वां दिन और सर्व पितृ अमावस्या तिथि श्राद्ध रहेगा। पंचांग अनुसार, पितृपक्ष की सर्व पितृ अमावस्या पर इस उत्तम समय में करें श्राद्ध-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 01, 2024 को रात 09:39 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – अक्टूबर 02, 2024 को रात 12:18 बजे
कुतुप मूहूर्त – 11:46 ए एम से 12:34 पी एम
- अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त – 12:34 पी एम से 01:21 पी एम
- अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
अपराह्न काल – 01:21 पी एम से 03:43 पी एम
- अवधि – 02 घण्टे 22 मिनट्स
सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध कैसे करें?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं।
स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
पितृस्थान को गाय के गोबर से लीप कर और गंगाजल से पवित्र करें।
महिलाएं स्नान करने के बाद पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
श्राद्ध भोज के लिए ब्राह्मणों को पहले से ही निमंत्रण दे दें।
ब्राह्मणों के आगमन के बाद उनसे पितरों की पूजा और तर्पण कराएं।
पितरों का नाम लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें।
जल में काला तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें।
पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, घी, खीर और दही अर्पित करें।
चावल के पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।
ब्राह्मण को पूरे सम्मान के साथ भोजन कराएं।
अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें।
इसके बाद आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
श्राद्ध में पितरों के अलावा कौआ, गाय, कुत्ते और चींटी को भोजन खिलाने का विधान है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।