सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- पानी के लगातार दुरूपयोग, उसके दोहन से देश, प्रदेश सहित जिले में भी भूजल स्तर लगातार घटने लगा है।
यहां तक जिले की जीवनदायिनी कहलाने वाली चित्रोत्पला महानदी का जल स्तर भी घट गया, जो कि चिंता का विषय बनता जा रहा है।
इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में जिले में जल को संरक्षित करने और पानी का सदुपयोग करने, लोगों को जागरूक करने के लिए जल जगार महोत्सव का आयोजन किया गया।
इस दौरान जिला प्रशासन सहित सामाजिक संगठन, स्वैच्छिक संगठन, महाविद्यालय के विद्यार्थी, नेहरू युवा केन्द्र के पदाधिकारी और स्थानीय ग्रामीणों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर जल की महत्ता के बारे लोगों को जागरूक किए।
इसके साथ ही वर्षा जल को सहेजने और संरक्षित करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग, रूफटॉप स्ट्रक्चर सहित अन्य संरचनाओं के बारे में विशेषज्ञों द्वारा गांव-गांव, शहर-शहर जाकर जानकारी दी गई।
नतीजतन जिले के कई गांवों में जलस्तर बढ़ा और लोग जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होते गए। इन्हीं सब कार्यक्रमों के साथ ही आगामी 5 और 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान जल सभा, रूद्राभिषेक, वाटर स्पोर्ट्स, हाफ मैराथन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नवरात्रि मेला इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र रूद्री की कार्यकर्ता श्रीमती ईश्वरी यादव ने जिले में आयोजित जल जगार महोत्सव में नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत लोगों को पानी बचाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र में आने वाले बच्चों को भोजन के बाद हाथ धोने के लिए जो पानी का उपयोग किया जाता है, उसे केन्द्र से लगे पोषण वाटिका में प्रवाहित करतीं हैं, जिससे जल का सदुपयोग होता है। साथ ही बच्चों को भी जल संरक्षण की सीख मिलती है। इसके अलावा भोजन तैयार करने वाले बर्तनों को धोने का पानी आदि भी पोषण वाटिका में जाता है।
वहीं सोरम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती मीना विश्वकर्मा ने बताया कि उनके आंगनबाड़ी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया है, जहां आंगनबाड़ी भवन की छत से गिरने वाला पानी संरक्षित होता है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में आने वाली गर्भवती, शिशुवती माताओं सहित बच्चों को भी पानी का सदुपयोग करने के लिए लगातार प्रेरित किया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिलेवासियों से अपील की है कि आगामी 5 और 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित होने वाले जल जगार महोत्सव में अपनी सहभागिता निभाएं और जल संरक्षण के लिए अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें, ताकि आने वाली पीढ़ी को पानी की किल्लत ना हो।