फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन की एजेंसी (UNRWA) ने दावा किया है कि लेबनान में इजरायली हमले में मारा गया हमास का कमांडर यूएन के लिए भी काम करता था।
वहीं आतंकी संगठन से संबंध होने की बात पता चलने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था। फतह शरीफ के कनेक्शन के बारे में पता चलने के बाद UNRWA पर और ज्यादा दबाव पड़ने लगा है।
इस साल पहले से ही यूएनआरडब्लूए 80 मिलियन डॉलर के नुकसान में है। आलोचकों का कहना है कि क्या किसी हमास के आतंकी को उसके रैंक से हटा देना ही काफी था।
इजरायल ने जनवरी में आरोप लगाया था कि UNRWA के 12 कर्मचारी हमास के 7 अक्टूबर वाले हमले में भी शामिल थे। इसके बाद से ही यूएन एजेंसी की जांच करवा रहा है।
बता दें कि इजरायल पर हुए हमास के हमले में कम से कम 1200 लोग मारे गए थे और 250 को बंदी बना लिया गया था। आरोपों के बाद यूएनआरडब्लूए को दान देने वाली दर्जनों देशों ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। बाद में अमेरिका को छोड़कर अन्य देशों ने फंडिंग फिर से शुरू कर दी।
सोमवार को इजरायली हवाई हमले में बेरूत के अल बास में हमास के कमांडर शरीफ की मौत हो गई थी। रिपोर्टस के मुताबिक उसकी पत्नी और बेटा-बेटी भी इस हमले में मारे गए। वह फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में रह रहा था।
बताया गया कि पहली बार इजरायल ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के शिविर को निशाना बनाया है। शरीफ ने खुद से कभी हमास से जुड़े होने की बात स्वीकार नहीं की थी।
हालांकि उसके मारे जाने के बाद हमास ने खुद बयान जारी कर कहा कि उसका एक कमांडर इजरायल के हवाई हमले में मारा गया है।
इजरायल का आरोप है कि यूएन की एजंसी में फिलिस्तनी आतंकवादी घुसे हुए हैं। इजरायल के जिनेवा दूतावास ने सोशल मीडिया पर कहा. शरीफ एक प्रिंसिपल था और UNRWA टीचर्स असोसिएशन लेबनान का हेड था। आप अंदाजा लगाइए कि उसका दूसरा काम क्या था? इससे पता चलता है कि UNRWA में बड़ी समस्या है।
वहीं UNRWA कमिश्नर जनरल फिलिप लज्जाराइनी ने कहा कि मार्च में पता चला था कि शरीफ हमास की राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ है।
इसके बाद उसे बिना एक दिन की भी देरी किए सस्पेंड कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं बता था कि वह हमास का कमांडर है।
उन्होंने कहा, एजेंसी उसके खिलाफ जांच करवा रही है। हम नियमों का पालन करते हैं और जब तक अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंचते तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।