इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराने के बाद एक और बड़ा शिकार बनाया है।
इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने लेबनानी शिया आंदोलन हिजबुल्लाह की प्रिवेंटिव सिक्योरिटी यूनिट के कमांडर नबील कौक को ढेर कर दिया।
आईडीएफ ने अपने बयान में कहा, ‘शनिवार को इजरायल की सेना ने आतंकवादी नबील कौक को मार गिराया, जो हिजबुल्लाह की प्रिवेंटिव सिक्योरिटी यूनिट के कमांडर और केंद्रीय परिषद का सदस्य था।’
बयान में कहा गया कि कौक आंदोलन के शीर्ष कमांडरों के करीब था। वह इजरायल और उसके नागरिकों के खिलाफ हिजबुल्लाह के अभियान को बढ़ावा देने में लगा हुआ था।कौक 1980 के दशक से ही हिजबुल्लाह का सीनियर सदस्य था।
इससे पहले वह दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के सैन्य कमांडर के रूप में काम कर चुका था। अमेरिका ने 2020 में उसके खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की थी।
‘आतंकवादी तत्वों के खिलाफ चल रहा ऑपरेशन’
आईडीएफ ने कहा कि यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले आतंकवादी तत्वों के खिलाफ किया गया है।
हिजबुल्लाह ने फिलहाल आईडीएफ के दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हाल के सप्ताह में इजरायल के हमलों में हिजबुल्लाह के कई सीनियर कमांडर मारे गए हैं।
शुक्रवार को बेरूत में समूह का प्रमुख नेता हसन नसरल्लाह भी मारा गया था। लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके कर मुख्य रूप से हिजबुल्लाह के सदस्यों को निशाना बनाया गया है।
हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजरायल में सैकड़ों रॉकेट और मिसाइलें दागना जारी रखा है, लेकिन उनमें से ज्यादातर को रोक दिया गया या वे खुले क्षेत्रों में गिर गए।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड का प्रमुख जनरल भी मारा गया
ईरान ने शनिवार को घोषणा की थी कि अर्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक प्रमुख जनरल की भी बेरूत हमले में मौत हुई, जिसमें हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह मारा गया। जनरल अब्बास निलफोरुशान की हत्या ईरान के लिए बड़ी क्षति है, जबकि गाजा पट्टी में लगभग एक साल से चल रहा इजरायल-हमास युद्ध क्षेत्रीय संघर्ष बनने की कगार पर है।
उनकी मौत से ईरान पर जवाबी कार्रवाई का दबाव और बढ़ गया है। हालांकि, तेहरान ने हाल के महीनों में संकेत दिया है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंधों के संबंध में पश्चिम के साथ बातचीत करना चाहता है।