बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के वकील करीम एए खान के साथ मुलाकात की है।
इसके बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की अटकलें बढ़ गई हैं। दोनों की बातचीत मानवता के खिलाफ अपराध को लेकर आरोपियों के मुकदमे की प्रक्रिया पर केंद्रित थी।
आपको बता दें कि अंतरिम सरकार और शेख हसीना के विरोधियों ने उन पर अगस्त में भारत भागने के लिए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 700 लोगों की मौत का आरोपी बताया था।
दोनों नेताओं के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर मुलाकात हुई है। आपको बता दें कि ब्रिटेन के पाकिस्तानी मूल के वकील ने फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास नेताओं के खिलाफ आईसीसी से गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने सफलता पाई थी।
साथ ही यूक्रेन की स्थिति को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी वारंट जारी किया जा चुका है।
शेख हसीना को सौंपेगा भारत?
इस बात की संभावना है कि भारत शेख हसीना को नहीं सौंपेगा। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि है।
बैठक के दौरान खान ने यूनुस को ICC द्वारा 2019 में शुरू की गई रोहिंग्या निर्वासन की जांच के नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया।
ICC अभियोजक ने कहा कि वह इस वर्ष के अंत तक बांग्लादेश का दौरा करेंगे। उन्होंने रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए एक नई गति लाने के लिए यूनुस के तीन-सूत्रीय प्रस्ताव की प्रशंसा की है।
आपको बता दें कि यूनुस ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक बैठक में यह प्रस्ताव रखा।
प्रस्ताव में स्थिति की समीक्षा करने और इससे बाहर निकलने के तरीके सुझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख द्वारा आयोजित एक तत्काल सम्मेलन, रोहिंग्या मानवीय संकट के लिए एक सक्रिय संयुक्त प्रतिक्रिया योजना और 2017 में राखीन में किए गए नरसंहार अपराधों को संबोधित करने के लिए न्याय और जवाबदेही का समर्थन करने के लिए गंभीर अंतर्राष्ट्रीय प्रयास शामिल थे। खान ने कहा, “ये तीनों बिंदु एकदम सही हैं।