प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्तूबर, बुधवार में लगेगा। 2 अक्तूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष भी समाप्त हो रहे हैं।
श्राद्ध पक्ष 2 अक्तूबर को भाद्रपद मास की अमावस्या पर खत्म होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। जिन पूर्वजों की मृत्यु की सही तारीख पता न हो, उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है।
इस साल 2 अक्तूबर की रात 9.17 बजे से सुबह 3.14 बजे तक सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक वलयाकार ग्रहण होगा, जिसे रिंग ऑफ फायर के नाम से भी जानते हैं।
खगोल शास्त्र के जानकारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण घटना होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है। जिससे सूर्य का बाहरी किनारा एक चमकदार रिंग के रूप में नजर आता है।
मान्य नहीं होगा इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिषी पंडित संदीप पाराशर ने बताया कि धर्म शास्त्रों के मुताबिक चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से इसके समापन तक का समय सूतक काल होता है। सूतक काल अशुभ माना गया है। इसमें मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं।
मगर, जहां ग्रहण दिखाई न दे, वहां सूतक काल मान्य नहीं होता। इस बार 2 अक्टबूर का सूर्य ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
इन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी इलाकों अर्जेंटीना और पेरू, फिजी, चिली, ब्राजील, मेक्सिको, न्यूजीलैंड और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा।
श्राद्ध, तर्पण कर सकेंगे- इस सूर्य ग्रहण का किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों में कोई प्रभाव नहीं पडे़गा। इस दिन श्राद्ध, तर्पण किया जा सकता है।