प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है।
मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव पूजन करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
इस समय पितृ पक्ष चल रहे हैं। पितृ पक्ष में प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2024, रविवार को है। रविवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण रवि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।
प्रदोष व्रत करने की इच्छा रखने वाले भक्तों के मन में प्रश्न रहता है कि आखिर कब से इस व्रत की शुरुआत करनी चाहिए। जानें रवि प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त व कब से शुरू करना चाहिए प्रदोष व्रत-
रवि प्रदोष व्रत का महत्व– मान्यता है कि प्रदोष करने से जीवन में सुख-संपन्नता व खुशहाली आती है। रोगों या बीमारियों से छुटकारा मिलता है। भगवान शंकर की कृपा से जातक की मनोकामना पूर्ण होती है।
रवि प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2024 शिव पूजन मुहूर्त- आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 29 सितंबर को शाम 04:47 बजे से प्रारंभ होगी जो कि 30 सितंबर को शाम 07:06 बजे समाप्त होगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, रवि प्रदोष पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:08 बजे से रात 08:33 बजे तक रहेगा।
प्रदोष व्रत कब से प्रारंभ करना चाहिए– प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल या कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, किसी भी महीने के शुक्ल या कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से प्रदोष व्रत प्रारंभ किया जा सकता है। लेकिन सावन महीने में प्रदोष व्रत प्रारंभ करना अत्यंत शुभ माना गया है। सावन माह भगवान शिव को समर्पित माना गया है।
प्रदोष व्रत पारण का शुभ मुहूर्त- प्रदोष व्रत का पारण 30 सितंबर 2024 को किया जाएगा। हिंदू धर्म में व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करने का विधान है। व्रत का पारण सुबह 06 बजकर 13 मिनट के बाद किया जा सकता है।