बेंगलुरु के महालक्ष्मी केस के मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रे को लेकर एक और बड़ी जानकारी सामने आई है।
हाल ही में एक अखबार से बातचीत के दौरान मुक्ति के भाई ने दावा किया है कि महिला के शरीर को फांसी पर टांगे का प्लान मुक्ति ने बनाया था।
मुक्ति ने एक दिन पहले ही आत्महत्या कर ली थी। 21 सितंबर को सेल्सवुमन रहीं महालक्ष्मी का शव बेंगलुरु के घर में मिला था, जिसके टुकड़े कर दिए गए थे।
मुक्ति के भाई सत्या ने बताया है कि उसके भाई ने 2-3 महीनों के बाद शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। सत्या इंजीनियरिंग के छात्र हैं।
अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैं बेरहमपुर में रहकर पढ़ाई करता हूं, मेरा भाई वहां आया और उसने मुझे सब बताया। महिला को उसके घर में मारने के बाद उसने शव को लटकाकर इसे सुसाइड केस के तौर पर दिखाने का प्लान बनाया था।’
उन्होंने कहा, ‘जब उसका प्लान फेल हो गया, तो उसने शव के टुकड़े कर दिए और शरीर के हिस्सों को फ्रिज में रख दिया।’ रिपोर्ट के अनुसार, सत्या का दावा है कि महिला ने मुक्ति को धोखा दिया था और वह अपने पति से अलग हो चुकी थी।
सत्या ने कहा कि महालक्ष्मी उसके भाई से शादी करना चाहती थी। हालांकि, खबरें हैं कि दोनों के रिश्तों में खटास आ गई थीं। दोनों ही बेंगलुरु के एक स्टोर में काम करते थे।
सत्या ने अखबार को बताया, ‘भाई ने कहा कि महिला उससे रुपये मांग रही है। वह उसे यातनाएं भी दे रही है। हाल ही में दोनों केरल गए थे, जहां दोनों का झगड़ा हो गया था। इसके बाद महिला ने पुलिस को बताया कि भाई ने उसका अपहरण कर लिया है।
पुलिस ने भाई को पीटा और बाद में उसे छोड़ दिया।’ सत्या का यह भी दावा है कि मुक्ति उस महिला के गलत बर्ताव और बार-बार जेवर और रुपये मांगने के चलते उससे पीछा छुड़ाना चाहता था।
रिपोर्ट के अनुसार, सत्या ने कहा, ‘भाई ने बताया कि उसने 3 सितंबर को झगड़े के बाद महिला का गला दबा दिया था। उसने शव को सीलिंग से टांगने की भी कोशिश की थी, लेकिन फेल हो गया। रात में उसने महिला के शरीर को काटा और टुकड़ों को फ्रिज में रख दिया।’
उन्होंने जानकारी दी है कि मुक्ति 2-3 महीनों के बाद शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने वाला था।
सत्या का यह भी कहना है कि मुक्ति इस अपराध के बाद डिप्रेशन में चला गया था।
उन्होंने अखबार को बताया, ‘उसने बताया कि उसे कोई होश नहीं है कि कब उसने महिला को मारा और बाद में उसके शरीर के टुकड़े कर दिए।’