प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाता है।
इस व्रत में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इंदिरा एकादशी के दिन सिद्ध व साध्य योग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में ये योग अत्यंत शुभ फलदायी माने गए हैं।
एकादशी व्रत प्रारंभ के बारे में शास्त्रों में वर्णित है कि यह व्रत किसी भी एकादशी से आरंभ नहीं किया जा सकता है। जानें इंदिरा एकादशी व्रत कब है और एकादशी व्रत किस एकादशी से प्रारंभ करना चाहिए-
इंदिरा एकादशी कब है- एकादशी तिथि 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर आरंभ होगी और 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। इंदिरा एकादशी व्रत 28 सितंबर 2024, शनिवार को रखा जाएगा।
किस एकादशी से एकादशी व्रत प्रारंभ करना चाहिए- उत्पन्ना एकादशी व्रत सभी 26 एकादशियों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। जो भक्त एकादशी व्रत प्रारंभ करना चाहते हैं उन्हें मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी यानी उत्पन्ना एकादशी से प्रारंभ करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत करने का नियम है, इसे साल में कभी भी प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। एकादशी व्रत सिर्फ उत्पन्ना एकादशी से ही प्रारंभ कर सकते हैं, क्योंकि इस एकादशी से ही व्रत प्रारंभ माना जाता है।
उत्पन्ना एकादशी 2024 कब है- उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर 2024, मंगलवार को रखा जाएगा। एकादशी व्रत का पारण 27 नवंबर को किया जाएगा।
एकादशी व्रत का महत्व- एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान विष्णु की कृपा से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस व्रत के प्रभाव से अंत में मोक्ष की प्राप्ति की मान्यता है।