प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर मौजूद,शुक्र,गुरु,बुध और सूर्य पर्वत व्यक्ति के लव, करियर,आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य के बारे में कई शुभ-अशुभ संकेत देते हैं।
हथेली पर सूर्य पर्वत को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है। मान्यता है कि सूर्य पर्वत की स्थिति और शुभ-अशुभ संकेत व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
सूर्य पर्वत को यश,कीर्ति और मान-सम्मान का कारक माना गया है। बता दें कि हथेली पर अनामिका उंगली के नीचे के स्थान को सूर्य पर्वत कहा गया है।
सूर्य पर्वत की मजबूत स्थिति व्यक्ति के सुखी और सफल जीवन की ओर इशारा करती है। आइए सूर्य पर्वत के शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में जानते हैं…
सूर्य पर्वत के शुभ-अशुभ संकेत
मान्यता है कि सूर्य पर्वत के चपटे और दबे हुए होने पर जातक का व्यक्तित्व कमजोर रहता है।
वहीं, सूर्य पर्वत के पूर्ण रूप से विकसित और उभरे हुए होने पर व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस भरपूर होता है। जातक को जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है।
यदि सूर्य पर्वत विकसित नहीं है, तो यह व्यक्ति के सामान्य जीवन का संकेत देती है। मान्यता है कि इससे जातक का जीवन बिना यश और कीर्ति के व्यतीत होता है और ज्यादा जान-पहचान नहीं मिल पाती है।
ऐसा माना जाता है कि सूर्य पर्वत के विकसित और गुलाबी रंग होने से व्यक्ति को समाज में खूब मान-सम्मान मिलता है।
मान्यता है कि विकसित सूर्य पर्वत जातक को गरीब से धनवान बनाने में मदद करता है। ऐसे लोगों का जीवन काफी ऐशोआराम में व्यतीत होता है। आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।
यदि हथेली पर सूर्य पर्वत विकसित हो, तो ऐसे जातक प्रतिभा के धनी होते हैं और विचारों से सुलझे हुए होते हैं।
कहा जाता है कि सपष्ट और पूर्ण रूप से विकसित सूर्य पर्वत व्यक्ति को आत्मविश्वासी सज्जन,दयावान और उदारवादी बनाता है। ऐसे लोग धन-संपन्न रहते हैं।