हैदराबाद की एक अदालत ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को 2015 के वोट के बदले नकदी मामले में 16 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया।
इस मामले में वह आरोपियों में से एक हैं।
मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश की अदालत ने रेड्डी और पांच अन्य आरोपियों को कथित वोट के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की धनशोधन जांच के संबंध में मामले में आरोपों पर विचार के लिए 16 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई के दौरान पेश होने का निर्देश दिया।
मामले का चौथा आरोपी मंगलवार को अदालत में पेश हुआ था, जबकि मुख्यमंत्री रेड्डी सहित अन्य आरोपी अनुपस्थित थे।
अदालत ने कहा, ‘‘परीक्षण के लिए 16.10.2024 को बुलाया जाए। सभी आरोपियों को आरोपों पर विचार के लिए सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाता है।’’
31 मई, 2015 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रेवंत रेड्डी को विधान परिषद चुनावों में तेदेपा उम्मीदवार वी. नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया था।
रेवंत रेड्डी उस समय तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) में थे। रेवंत रेड्डी के अलावा, एसीबी ने कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था। बाद में उन सभी को जमानत दे दी गई।
एसीबी ने तब दावा किया था कि उसने ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग के रूप में आरोपियों के खिलाफ “पुख्ता सबूत” एकत्र किए हैं और 50 लाख रुपये की अग्रिम राशि बरामद की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2021 में कथित वोट के बदले नकदी मामले में धनशोधन जांच के सिलसिले में रेवंत रेड्डी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरूद्ध जांच के लिए राज्यपाल द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी।
मुख्यमंत्री ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा (एमयूडीए) पॉश क्षेत्र में उनकी पत्नी को किये गये 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उनके खिलाफ राज्यपाल थारवरचंद गहलोत द्वारा दी गयी जांच की मंजूरी को चुनौती दी थी।