चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए सरकार ने भारतीय सेना को लेकर अहम बदलावों को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने चीन सीमा पर तैनात सेना कमांडरों को वित्तीय मामलों में ज्यादा शक्तियां देने का फैसला किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के नए सालाना बजट को मंज़ूरी दी है जिससे कमांडर क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए ज़रूरी उपकरण जल्द से जल्द खरीद सकेंगे।
उत्तराखंड में चीन के साथ सीमा की निगरानी करने वाली सेंट्रल कमांड में बीते कुछ सालों में पीएलए की गतिविधि बढ़ी है। इस कमांड के बजट में चार गुना इजाफा किया गया है।
सेंट्रल कमांड अब ज़रूरी चीजों पर ₹200 करोड़ तक का उपयोग कर सकते हैं। वहीं सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं की देखभाल करने वाली पूर्वी कमान की स्पेशल फाइनेंस पावर को दोगुना करके ₹400 करोड़ कर दिया गया है।
वहीं उत्तरी कमान जो सबसे ज्यादा सक्रिय है और 1962 के बाद से लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों की आक्रमकता का सामना कर रही है की विशेष वित्तीय शक्तियों को भी ₹400 करोड़ से बढ़ाकर ₹500 करोड़ कर दिया गया है। यह सभी कमांड में सबसे अधिक है।
कमांडर को ये शक्तियां देने के पीछे का उद्देश्य, इमरजेंसी के समय उपकरण/वस्तुओं/सामग्री/भंडार की खरीद/मरम्मत तथा दूसरे सेवाओं में तेजी लाना है।
इस फैसले से पूंजीगत खरीद में तेजी लाकर व्यापार करने में आसानी होगी।