मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रसिद्ध साहित्यकार, शिक्षाविद और राज्यसभा सांसद पद्म भूषण रामधारी सिंह दिनकर की 23 सितम्बर को जयंती पर उन्हें नमन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिनकर जी ऐसे लेखक थे, जिनमें राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक चेतना के साथ साथ सांस्कृतिक चेतना भी गहरे रूप से मौजूद थी।
उन्होनें भारत की स्वतंत्रता से पहले अपनी प्रेरक कविताओं के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत की। दिनकर जी ओज, विद्रोह, आक्रोश के साथ ही कोमल श्रृंगारिक भावनाओं के कवि थे। उनकी प्रेरक देशभक्ति की रचनाओं के कारण उन्हें राष्ट्रकवि भी कहा जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि दिनकर जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को पहचान दिलाई। उन्होंने संसद में आम आदमी से जुड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाया।
उनकी रचना ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और ‘उर्वशी’ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनकर जी का साहित्य और समाज के लिए योगदान विशेषकर हिन्दी को प्रतिष्ठा दिलाने में उनकी भूमिका को हमेशा याद किया जायेगा।