कर्नाटक सरकार ने महिलाओं से जुड़ा एक अहम फैसला करने वाली है।
इसके तहत सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर्स में पेड पीरियड लीव का प्रस्ताव लाने वाली है। इसमें महिलाओं के लिए साल में छह दिन के पेड पीरियड लीव का प्रावधान है।
इससे उन्हें माहवारी के दौरान होने वाली शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। इसके लिए 18 सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई है। यह महिलाओं के काम और जीवन के बीच संतुलन बनाएगा।
कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि यह छुट्टियां फ्लेक्सिबल होंगी। महिलाएं यह तय कर सकेंगी कि उन्हें कब छुट्टी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं और समिति के सदस्यों के साथ बैठक बुलाई की है। इस पहल का उद्देश्य महिला कर्मचारियों का समर्थन करना है।
महिलाओं को जीवन भर महत्वपूर्ण शारीरिक और भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।
संतोष लाड समिति के सदस्यों से मिलकर सिफारिशों पर चर्चा करेंगे जिसके बाद उन्हें जनता, कंपनियों और अन्य पक्षों के साथ परामर्श के लिए रखा जाएगा।
अगर यह पहल अमल में आती है तो कर्नाटक पीरियड लीव देने वाला चौथा राज्य बन जाएगी। इससे पहले बिहार, केरल और ओडिशा में महिला कर्मचारियों को यह छुट्टी दी जाती है।
बिहार में 1992 में यह पॉलिसी शुरू हुई थी। इसमें महिलाओं को हर महीने दो दिन के मासिक धर्म अवकाश की अनुमति दी गई।
वहीं, 2023 में, केरल ने सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में महिला छात्रों के लिए मासिक धर्म अवकाश के साथ-साथ 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिला छात्रों के लिए 60 दिनों तक के मातृत्व अवकाश का प्रावधान किया।
ओडिशा सरकार ने अगस्त में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में महिला श्रमिकों के लिए एक दिवसीय मासिक धर्म अवकाश नीति पेश की थी।
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में पूर्व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में इसी तरह की योजना का विरोध करते हुए कहा था कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
इसे विशेष अवकाश की जरूरत वाली समस्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मासिक धर्म अवकाश पर पॉलिसी की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों पर छोड़ दी थी। उन्हें महिला छात्रों और कामकाजी महिलाओं के मामले पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
वर्तमान में, कई देश मासिक धर्म अवकाश प्रदान करते हैं। 16 फरवरी, 2023 को, स्पेन मासिक धर्म अवकाश प्रदान करने के लिए कानून अपनाने वाला पहला यूरोपीय देश बन गया।
इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान कुछ अन्य देश हैं जो वैतनिक अवकाश प्रदान करते हैं।