नाबालिग से रेप करने के दिव्यांग आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है।
आरोपी स्पाइन डिसफैरिजम से ग्रसित है और 96 फीसदी विकलांग है।
बचाव पक्ष ने कोर्ट में कहा कि जिस तरह की अपंगता से आरोपी ग्रसित है यह विश्वास करना ही संभव नहीं है कि उसने लड़की के साथ जबरदस्ती और यौन उत्पीड़न किया होगा। आरोपी अंधेरी का रहने वाला है।
जस्टिस सारंग कोटवाल की सिंगल जज बेंच ने जमानत देते हुए कहा, आरोपी की शारीरिक स्थिति और ओरिजिनल विकलांगता प्रमाणपत्र के साथ पेश किए गए दस्तावेजों से प्रथम दृष्ट्या याचिकर्ता के दावे पूरी तरह से सही नहीं हैं।
बेंच ने कहा कि मुकदमे और सुनवाई के दौरान 96 फीसदी दिव्यांक व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है।
इसके बाद कोर्ट ने 15000 रुपये के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया।
आरोपी को 16 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। अंधेरी पुलिस के पास उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2), 76 (2) (n), 354-D और 506 के तहत केस दर्ज करवाया गया था।
पॉक्सो की धारा 4, 6 और 8 को भी इसमें शामिल किया गया था। नाबालिग लड़की की मां ने उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया था। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसकी बेटी के साथ जबरदस्ती की और यौन शोषण किया।
आरोपी ने कोर्ट में अपना दिव्यांग सर्टिफिकेट पेश किया जिसमें 96 फीसदी अपंगता की बात प्रमाणित की गई है। इसके अलावा वकील ने यह भी कहा कि नाबालिग लड़की का मेडिकल टेस्ट करवाया गया था।
इसमें किसी तरह के शारीरिक संबंध की पुष्टि नहीं हुई थी। इसे देखते हुए कोर्ट ने कहा कि इतने अपंग व्यक्ति के लिए यौन शोषण दूर की कौड़ी लगती है।