भुवनेश्वर में पुलिस के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार के कारण गिरफ्तार, सैन्य अधिकारी की मंगेतर ने गुरुवार को दावा किया कि हिरासत में लिए जाने के बाद उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ।
रविवार रात को भरतपुर थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा गिरफ्तार की गई महिला को हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया। अब ओडिशा पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए इस आरोप पर पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है।
इसमें भरतपुर थाना प्रभारी भी शामिल हैं। ओडिशा पुलिस के आधिकारिक बयान के मुताबिक पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी दीनाकृष्ण मिश्रा, सब इंस्पेक्टर बैसिलिनी पांडा, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सलिलमयी साहू, सागरिका राठ और कॉस्टेंबल बलराम हांडा पर ऐक्शन लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि निलंबन के दौरान, अधिकारी भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त के अनुशासनात्मक नियंत्रण में रहेंगे। ओडिशा सेवा संहिता के नियम 90 के अनुसार इन्हें निर्वाह और महंगाई भत्ता मिलेगा।
ऐसा है मामलाआर्मी में कैप्टन की मंगेतर ने मीडिया को घटना की जानकारी दी। महिला ने बताया कि वह आर्मी अफसरके साथ देर रात करीब एक बजे अपना रेस्टोरेंट बंद कर घर लौट रही थी तभी कुछ युवकों ने उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
उसने कहा कि इसके बाद वे मदद मांगने के लिए भरतपुर थाने गए। महिला ने आरोप लगाया कि जब हम प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचे तो वहां एक महिला सिपाही सादी वर्दी में थी।
हमने उनसे प्राथमिकी दर्ज करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए एक गश्ती वाहन भेजने के लिए कहा। मेरी मदद करने के बजाय, उसने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। महिला ने बताया कि उसे थाने के कॉरिडोर में घसीटा गया।
वर्तमान में भुवनेश्वर स्थित एम्स में इलाज करा रही महिला ने कहा कि कुछ देर बाद और पुलिसकर्मी थाने पहुंचे और उनके दोस्त से शिकायत लिखने को कहा। महिला ने आरोप लगाया कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने सैन्य अधिकारी को हवालात में डाल दिया।
जब मैंने अपनी आवाज तेज करते हुए कहा कि पुलिस सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। महिला ने कहा कि उसने जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की और जब महिला पुलिसकर्मियों ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की तो उसने एक महिला पुलिसकर्मी के हाथ पर काट लिया।
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में बैठा दिया। महिला के मुताबिक, कुछ समय बाद एक पुरुष अधिकारी ने दरवाजा खोला और मेरी छाती पर कई बार लात मारी। राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन से आईआईसी मिश्रा और दो अन्य अधिकारियों का तबादला कर दिया था।
मिश्रा को भुवनेश्वर में पुलिस उपायुक्त कार्यालय में फिर से नियुक्त किया गया, जबकि एएसआई साहू और कांस्टेबल हांडा को क्रमशः डीसीपी कार्यालय और रिजर्व कार्यालय भेजा गया। पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया के आदेश पर अपराध शाखा की जांच के बाद यह त्वरित कार्रवाई की गई है।