भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिसमें मांग की गई थी कि इजरायल के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी अवैध मौजूदगी को 12 महीने के भीतर ‘बिना किसी विलंब’ के हटाए।
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और इसके बाद से ही दोनों पक्षों के बीच संघर्ष जारी है।
इस 193 सदस्यीय महासभा ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया तो 14 ने विरोध में मतदान किया तथा भारत समेत 43 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
मतदान में भाग नहीं लेने वालों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। खास बात है कि जापान ने समर्थन में मतदान किया।
इजरायल और अमेरिका उन देशों में शामिल थे जिन्होंने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। बुधवार को पारित प्रस्ताव में मांग की गई कि ‘इजरायल बिना किसी देरी के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी गैरकानूनी मौजूदगी को हटाए और ऐसा वर्तमान प्रस्ताव को अपनाने के 12 महीने के भीतर किया जाये।’
फिलिस्तीन द्वारा तैयार प्रस्ताव में इजरायल सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किए जाने की भी कड़ी निंदा की गई तथा इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
इसमें कहा गया है कि इजरायल को कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।